धान की नर्सरी 100% अंकुरित कैसे करें | Dhan ki Nursery Kaise Taiyar Kare.

धान की नर्सरी कैसे तैयार करनी चाहिए? ताकि हमारी Dhan ki Nursery के पौधे बहुत घने और चमकदार हों और जड़ें भी बहुत रेशेदार हों और जड़ें अच्छी तरह से विकसित हो सकें। हमारी नर्सरी हरी-भरी रहे और नर्सरी जल्दी तैयार हो जाये।

तो। हमे ये जानना जरुरी है कि बीजोपचार कैसे करना चाहिए, किस स्थान पर कितना बीज बोना चाहिए तथा नर्सरी तैयार करते समय कौन सा उर्वरक डालना चाहिए। यदि नर्सरी (Nursery) में कोई कीट फफूंद हो तो कौन सी दवा का छिड़काव करना चाहिए? अर्थात् एक समग्र स्वस्थ हरी नर्सरी तैयार करने के लिए उपरोक्त विषयों को ध्यान में रखना आवश्यक है। साथ ही हमें यह भी जानना होगा कि किस स्थान पर कितना उर्वरक प्रयोग करना है और कितने बीज बोने हैं।

यदि हम एक एकड़ में छह किलोग्राम बीज की नर्सरी तैयार कर रहे हैं तो हमें कितने स्थानों पर नर्सरी तैयार करनी चाहिए ताकि पौधे घने न लगें, अन्यथा पीलेपन की समस्या होगी। और आप सभी प्रकार के उर्वरकों का उपयोग करते रहेंगे फिर भी पीलापन जाने वाला नहीं है। तो दोस्तों ,हरी-भरी नर्सरी तैयार करने का रहस्य साझा करने जा रहे हैं।

Dhan ki Nursery Kaise Taiyar Kare?

एक स्वस्थ नर्सरी तैयार होने में 25 से 28 दिन का समय लगता है। Dhan ki Nursery तैयार करने का सबसे अच्छा समय 15 मई से 15 जून के बीच है. रोपण का समय: पौधे 10 जुलाई से 25 जुलाई के बीच लगाए जाने चाहिए। आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए । यानी कि अगर आप नर्सरी की बुआई में ज्यादा देरी करेंगे तो बाद में धान में काले दाने आने की संभावना रहती है या फिर दाने ठीक से नहीं भर पाते हैं।

Dhan ki Nursery Kaise Taiyar Kare
Dhan ki Nursery Kaise Taiyar Kare

खराब मौसम के कारण तापमान अधिक हो जाता है तो धान की पैदावार पर काफी असर पड़ता है। इसलिए धान की नर्सरी (paddy nursery) सही समय पर तैयार कर रोपनी करनी चाहिए. यह सबसे महत्वपूर्ण बात है।

(1) बीज का चयन:-

अपने क्षेत्र की जलवायु, मिट्टी और मौसम के अनुकूल उन्नत किस्मों का चयन करें।क्योंकि हम धान की जो किस्म लाते हैं, उसकी परिपक्वता कभी-कभी बहुत कम होती है और कभी-कभी आपने देखा होगा कि जब धान की नर्सरी पूरी तरह से तैयार हो जाती है और लगभग 7 से 8 दिन की हो जाती है, तो उसके अंदर पीलापन आ जाता है। इसलिए क्षेत्र के लिए उपयुक्त किस्मों का चयन करें

(2) बीज उपचार:-

धान की नर्सरी लगाने से पहले चयनित बीजों का बीजोपचार अवश्य कर लेना चाहिए। इससे अंकुरण बहुत अच्छा होता है. इसके लिए बुआई से पहले बीजों को 24 घंटे के लिए ठंडे पानी में भिगो दें. फिर बीजों से पानी निकाल कर उन्हें छाया में हल्का सुखा लें और बीज को उपचारित कर लें।

इसके लिए प्रति किलोग्राम तीन ग्राम यूपीएल Saaf फफूंदनाशी लें और 0.20 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन सल्फेट मिलाकर बीज को उपचारित करें।

या 0.5% बाविस्टिन या थायोफिनेट मिथाइल घोल में 30 मिनट तक उपचारित करें।

इससे अंकुरण बहुत अच्छा होता है और इसके बाद इसे 40 मिनट तक सुखाना पड़ता है. फिर उसके बाद ही बुआई करनी चाहिए।

(3) बीज मात्रा :-

नर्सरी के लिए एक एकड़ में छह किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। एक एकड़ में नर्सरी तैयार करने के लिए छह किलोग्राम से अधिक बीज नहीं बोना चाहिए। पौधे भी अधिक नजदीक से लगाए जाएंगे। क्योकि इससे पैदावार बढ़ने वाली नहीं है, उलटे घट सकती है।

Dhan ki Nursery Kaise Taiyar Kare
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(4) भूमि चयन :-

नर्सरी के लिए हल्की मिट्टी का चयन नहीं करना चाहिए. अन्यथा नर्सरी के पौधों की जड़ें अच्छे से विकसित नहीं हो पाएंगी.इसलिए आपके काली, दोमट या दोमट भूमि का ही चयन करना चाहिए। आपको नर्सरी ऐसे स्थान पर तैयार करनी चाहिए जहां की भूमि उपजाऊ हो।

हल्की मिट्टी का चयन न करें. पीलापन दूर नहीं होगा. नहीं तो एक निश्चित मात्रा में बीज लेकर एक सूती कपड़े में पोटली बनाकर अच्छी तरह बांध लें और भिगोकर पांच से सात घंटे के लिए डुबाकर रख दें. इससे अंकुरण बहुत तेजी से होता है और अंकुरण में 5 से 7 घंटे का समय लगता है और अगर अंकुरण जल्दी हो तो सूती कपड़े का उपयोग करें और गीला अंकुरण करें। बीजों को अच्छी तरह गीला कर लें. इसे पांच से सात घंटे तक भिगोकर रखें और फिर इसकी बुआई करें.

(5) खेत की तैयारी:-

धान की नर्सरी (paddy nursery) लगाने के लिए भूमि की 5-6 बार अच्छी तरह जुताई करें।अच्छी जल निकासी के लिए मिट्टी दोमट और रेत का मिश्रण होनी चाहिए।

धान की नर्सरी हेतु बेड निर्माण के लिए 1 मीटर चौड़ाई और 10 से 15 सेमी ऊंचाई के ऊंचे नर्सरी बेड बनाएं। आसान आवाजाही और जल निकासी के लिए प्रत्येक बेड के बीच एक छोटा सा जगह छोड़ें।

(6) खाद और उर्वरक: –

धान की नर्सरी की अच्छी वृद्धि के लिए गोबर जैसी जैविक खाद डालें। इसके लिए प्रति 10 वर्ग मीटर नर्सरी बेड की मिट्टी में 20 किलोग्राम अच्छी तरह सड़ी हुई गाय का गोबर मिलाएं। पौधों की स्वास्थ्य के लिए आप प्रति 10 वर्ग मीटर में 2 किलो नीम की खली और 500 ग्राम यूरिया भी डाल सकते हैं।

(7) बीज बोवाई:-

धान की नर्सरी के लिए बीज बोने का समय क्षेत्र और किस्म के आधार पर भिन्न हो सकता है। पहले से उपचारित बीजों को तैयार नर्सरी बेड पर समान रूप से फैलाएं। धीरे से उन्हें मिट्टी की एक पतली परत से ढक दें। बुआई के बाद नर्सरी बेड को धीरे से पानी दें और अंकुरण अवधि के दौरान लगातार नमी बनाए रखें और जलभराव से बचें।

Dhan ki Nursery Kaise Taiyar Kare
Dhan ki Nursery Kaise Taiyar Kare

(8) खरपतवार नियंत्रण:-

नर्सरी धान की स्वच्छता और उचित बढ़वार के लिए नियमित रूप से खरपतवार हटाते रहें ।

(10) कीट और रोग प्रबंधन:-

धान की नर्सरी पौधों को कीटों और बीमारियों से बचाव के लिए नियमित निगरानी करें। यदि आवश्यक हो, तो उचित समाधानों के लिए जैविक कीट नियंत्रण विधियों का उपयोग करें या इसके अपने नजदीकी कृषि अधिकारियों से परामर्श लें।

(11) रोपाई के लिए अंकुर की समय :-

Dhan ki Nursery का पौधे जब 20-25 दिन के हो जाएं और पौधा लगभग 10 से 15 सेमी लंबे हो जाएं तो यह पौधे खेत में रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं।

Dhan ki Nursery Kaise Taiyar Kare
Dhan ki Nursery Kaise Taiyar Kare

डिस्क्लेमर:- इस ब्लॉग पोस्ट में धान की नर्सरी (Dhan ki Nursery) कैसे तैयार करें, इसके बारे में कोई भी जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए है। कृषि पद्धतियों के संबंध में अपने नजदीकी कृषि अधिकारी अथवा कृषि वैज्ञानिकों से सलाह अवश्य लें।

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