किसानों के नवाचार(Innovation) से भूजल स्तर में सुधार.

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 73 गांवों में किसानों ने नवाचार(Innovation) से भूजल स्तर में सुधारकर पानी बचाने के लिए Water शेयरिंग फॉर्मूला अपनाया। इससे न सिर्फ भूजल स्तर (Groundwater Level) में सुधार हुआ, बल्कि खेती भी बेहतर हुई। जानिए कैसे किसानों ने यह मिसाल कायम की.

किसानों के नवाचार (Innovation) से भूजल स्तर में सुधार.
किसानों के नवाचार (Innovation) से भूजल स्तर में सुधार.

किसानों के नवाचार से भूजल स्तर में सुधार

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 73 गांवों के किसानों ने पानी की कमी से निपटने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है। उन्होंने बोरवेल के पानी को आपस में बांटने का फॉर्मूला अपनाया, जिससे न सिर्फ भूजल स्तर में सुधार हुआ, बल्कि खेती भी बेहतर हुई। यह पहल अब दूसरे गांवों के लिए मिसाल बन गई है।

पल्यावानापल्ली गांव की कहानी

ल्यावानापल्ली गांव की तुलसम्मा एक किसान हैं। वह बताती हैं कि पहले पानी की कमी के कारण खेती अच्छी नहीं हो पाती थी। लेकिन जब उन्होंने बोरवेल के पानी को आपस में बांटने का फैसला किया, तो स्थिति बदल गई।

किसानों के नवाचार (Innovation) से भूजल स्तर में सुधार.
किसानों के नवाचार (Innovation) से भूजल स्तर में सुधार.

क्या हुआ?

  • किसानों ने मिलकर एक Water User Group बनाया।
  • खरीफ के सीजन में बोरवेल वाले किसान कॉमन पाइपलाइन के जरिए दूसरे किसानों को पानी देते हैं।
  • इससे सभी किसानों को पर्याप्त पानी मिलने लगा और खेती बेहतर हुई।

मुख्य बातें:*

  • 16 किसानों ने मिलकर यह समूह बनाया।
  • इनमें से 4 किसानों के पास बोरवेल था, जबकि 12 के पास नहीं था।
  • सभी किसानों ने एक अनुबंध किया कि वे अगले 10 साल तक नया बोरवेल नहीं खोदेंगे।

फायदे:

  • Groundwater level में सुधार हुआ।
  • सभी किसानों को पर्याप्त पानी मिलने लगा।
  • खेती बेहतर हुई और उत्पादन बढ़ा।

वासन की भूमिका*

यह पहल हैदराबाद के वॉटरशेड सपोर्ट सर्विसेस एंड एक्टिविटीज नेटवर्क (वासन) ने शुरू की थी। वासन ने 2007 में वर्ल्ड बैंक और एपीडीएमपी के सहयोग से यह प्रोग्राम शुरू किया।

वासन के डायरेक्टर ए. रवींद्र का कहना है:

  • इस पहल से भूजल स्तर में सुधार हुआ है।
  • किसान अब खुद इस पहल को आगे बढ़ा रहे हैं।

Water Sharing Formula क्या है?

यह एक ऐसा तरीका है, जिसमें किसान बोरवेल के पानी को आपस में बांटते हैं। इसके लिए वे एक समूह बनाते हैं और पाइपलाइन के जरिए पानी की सप्लाई करते हैं।

किसानों के नवाचार (Innovation) से भूजल स्तर में सुधार.
किसानों के नवाचार (Innovation) से भूजल स्तर में सुधार.

कैसे काम करता है?*

  1. समूह बनाना: किसान मिलकर एक वॉटर यूजर ग्रुप बनाते हैं।
  2. पाइपलाइन बिछाना: खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइपलाइन बिछाई जाती है।
  3. पानी बांटना: बोरवेल वाले किसान दूसरे किसानों को पानी देते हैं।

योजना के फायदे*

  1. भूजल स्तर में सुधार:
    इस पहल से भूजल स्तर में काफी सुधार हुआ है।
  2. खेती बेहतर हुई:
    सभी किसानों को पर्याप्त पानी मिलने लगा, जिससे खेती बेहतर हुई।
  3. पानी की बचत:
    पानी को आपस में बांटने से पानी की बर्बादी कम हुई।
  4. किसानों की आय बढ़ी:
    बेहतर खेती से किसानों की आय में भी इजाफा हुआ।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 73 गांवों के किसानों ने पानी(water) बचाने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है। उन्होंने बोरवेल के पानी को आपस में बांटने का फॉर्मूला अपनाया, जिससे न सिर्फ भूजल स्तर में सुधार हुआ, बल्कि खेती भी बेहतर हुई। यह पहल अब दूसरे गांवों के लिए मिसाल बन गई है। अगर आप भी पानी की कमी से जूझ रहे हैं, तो यह तरीका आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।

1. यह योजना किसके लिए है?

यह योजना उन किसानों के लिए है, जो पानी की कमी से जूझ रहे हैं।

2. वाटर शेयरिंग फॉर्मूला क्या है?

इसमें किसान बोरवेल के पानी को आपस में बांटते हैं और पाइपलाइन के जरिए पानी की सप्लाई करते हैं।

3. इस योजना से क्या फायदा हुआ?

इससे भूजल स्तर में सुधार हुआ, खेती बेहतर हुई और किसानों की आय बढ़ी।

4. यह योजना कहां शुरू हुई?

यह योजना आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 73 गांवों में शुरू हुई।

5. वासन क्या है?

वासन एक संगठन है, जिसने यह पहल शुरू की।

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