अनूठे स्वाद के लिए 10 popular paddy Variety ,जो उच्च गुणवत्ता और अधिक उपज देने वाले किस्में हैं। चाहे आप पुलाव के लिए लंबे दाने वाले चावल की तलाश कर रहे हों या खीर के लिए छोटे दाने वाले चावल की, आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप popular paddy Variet में से चावल के लिए चुन सकते हैं।
किसान भाइयों आपको पता है हमारे देश में 1960 -61 की दशक में खाद्यान उत्पादन 34. 5 मिलियन टन थी। कृषि वैज्ञानिकों की नई नई उन्नत तकनीक का अविष्कार किये है, जिससे वर्तमान समय में चावल का 130.83 मिलियन टन का रिकार्ड उत्पादन अनुमानित है।भारत में खाद्यान फसल में धान मुख्य फसल है। इसलिए कृषि वैज्ञानिको द्वारा समय समय धान की उच्च गुणवत्ता और बेहतर उपज के लिए नई नई धान की उन्नत किस्म का ईजाद करते है।इस ब्लॉग पोस्ट में उच्च गुणवत्ता और बेहतर उपज देने वाली 10 Popular Paddy Variety की चर्चा करेंगे जिसे किसान भाई अपने खेत में उपयोग कर अच्छी उपज प्राप्त कर सकते है।
धान की नई उन्नत किस्मो का चयन-
धान फसल में अगर आप भी उच्च गुणवत्ता और बेहतर उपज प्राप्त करना चाहते है तो सही बीज और धान की उन्नत किस्म एवं नई किस्मो का चयन करें। जिससे आप अधिक उपज प्राप्त कर सके।
हमारे देश की खेती सिंचित और असिंचित दोनों क्षेत्रों में की जाती है। आपको अपनी खेत की परिस्थिति के अनुसार धान की उन्नत किस्में का चुनाव करना अनिवार्य है।
धान की खेती अक्सर छिड़कवा और रोपाई विधि से की जाती है। हालाँकि रोपाई विधि से अधिक उपज प्राप्त किया जाता है।
वैसे धान की कई किस्म मौजूद है ,जिसका सिंचित और असिचित क्षेत्रों में उन्नत तकनीक अपनाकर अच्छी उपज प्राप्त किया जा सकता है।
तो किसान भाइयों आइये जानते है धान की अच्छी उपज देने वाली उन्नत किस्मों के बारे में जिसका खेती करके अच्छी उपज प्राप्त किया जा सकता है। तो हम इस ब्लॉग पोस्ट में 10 लोकप्रिय धान की किस्म (10 Popular Paddy Variety) एवं बम्फर उत्पादन और उसके गुणों के बारे में जानते है !
अच्छी उपज के लिए सही किस्मों के बीजों का चुनाव करें-
अपने क्षेत्र में जलवायु और परिस्थितियों अनुसार धान बीज के सही किस्मों का चयन करें। क्योकि सभी बीज समान नहीं बनाए जाते हैं, कुछ किस्में दूसरों की तुलना में भिन्न जलवायु और परिस्थितियों के लिए बेहतर अनुकूल होती हैं।
धान बीज किस्म का चयन आपके पास किस प्रकार की मिट्टी है, इस पर निर्भर करती है । क्योकि हल्की भूमि में कम अवधि किस्में ,मध्यम भूमि में मध्यम अवधि और भारी भूमि में देर से पकने वाली किस्में उपयुक्त हो सकती है। इसके अतिरिक्त धान बीज का चयन आपके सिंचाई सुविधा पर भी निर्भर करती है।
यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि आपके पास किस प्रकार की मिट्टी है,तो आप इसका परीक्षण स्थानीय कृषि या उद्यान विभाग के मिट्टी परीक्षण केंद्र से करवा सकते हैं।इसके अनुसार आप लोकप्रिय धान की किस्मों का चयन कर अच्छी उपज ले सकते है।
एक बार जब आप इन सभी कारकों पर विचार कर लेते हैं, तो आप बीजों की खरीदारी शुरू कर सकते हैं। जब आप खरीदारी कर रहे हों, तो बीज के पैकेट को ध्यान से पढ़ना सुनिश्चित करें। बीज पैकेट आपको निम्नलिखित जानकारी बताएगा,जो आपको लोकप्रिय धान की किस्मों (10 Popular Paddy Variety) का चयन करने में सहायक होगी।
बीज किस्म का नाम, फसल पकने की अवधि ,रोग प्रीतिरोधकता ,सिंचित या असिचित किस्म
और उसकी पौधे की उपज क्षमता।
इन सुझावों का पालन करके आप बेहतर उपज के लिए सही किस्म के बीजों का चयन कर सकते हैं। तो आईये जानते है धान की बंपर पैदावार के लिए 10 लोकप्रिय धान की किस्मों (10 Popular Paddy Variety) के बारे में –
अधिक उपज देने वाली धान की उन्नत किस्में –
जाने धान की उन्नत किस्मे(improved varieties of paddy)। ये किस्में देगी बम्फर उत्पादन|आईये जानते है भारत में अच्छी उपज देने वाली Popular Paddy Variety जो किसानो को पसंद हो-
यह भी पढ़ें :- ग्रीष्मकालीन खेत जुताई के अनेक फायदे |
(1) पूसा 1460 :-
पूसा 1460- बासमती धान की एक उन्नत किस्म है, इसके दाने लम्बा और पतला होता है। ये वजनदार और खाने में स्वादिष्ट होते हैं। इसके पौधे छोटे आकार के होते है। पूसा बासमती 1460 किस्म की एक खासियत यह है कि यह बैक्टीरिया लिफ विलाइट (वीएलवी) रोग प्रतिरोधी है।
धान पूसा 1460 किस्म को 2007 में सीवीआरसी द्वारा विकसित किया गया था। यह किस्म 130 से 135 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी पौधें मध्यम उचाई की होती है। इस किस्म के धान की प्रति बाली में दानों की संख्या 170 -190 दाने होती है। उन्नत तकनीक से खेती करने पर औसतन पैदावार 60 से 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। धान पूसा 1460 किस्म भारत के लगभग सभी राज्यों में उगाया जाता है जिसमें पंजाब, हरियाणा उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु आदि राज्य अनुकूल है। धान पूसा 1460 Top 10 popular paddy variety है|
(2) पूसा सुगंध 3 : –
पूसा सुगंध 3 सुगंधित और लोकप्रिय धान की (10 Popular Paddy Variety) बासमती किस्म है। बासमती धान की अन्य किस्मों की तुलना में पूसा सुगंध 3 धान में कीट-व्याधि का प्रकोप बहुत कम या न के बराबर होता है, जिसके कारण कीटनाशक का इस्तेमाल कम करना पड़ता है। इसलिए अन्य किस्मों की तुलना में काश्त लागत अपेक्षाकृत कम होती है। इसकी दाने सुगंधित और खाने में स्वादिष्ट होते है। यह किस्म 130 से 135 दिन में पककर तैयार हो जाती है। धान की पूसा सुगंध 3 किस्म को पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में बोई जाती है। जहाँ सुगंधित चावल की अधिक मांग होती है। पूसा सुगंध 3 बासमती धान की औसत उपज 30 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
(3) डब्लू.जी.एल. – 32100 :–
डब्लू.जी.एल. – 32100 किस्म मध्यम अवधि में पकने वाली एक उन्नत किस्म है। इसके दाने पतले और छोटे आकार के होते हैं। इसकी पौधों की उचाई छोटी होती है। डब्लू.जी.एल. – 32100 किस्म 125 से 130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की औसतन पैदावार 55 से 60 किवंटल प्रति हैक्टेयर होती है।इसलिए किसानों के बीच लोकप्रिय धान की किस्म (popular paddy variety) है,जिसे बम्फर उत्पादन के लिए जाना जाता है।
(4) पूसा सुगंध 4 :-
आई ए आर आई (IARI) द्वारा विकसित अधिक उपज वाली, सुगंधित धान की किस्म है। इसे 2002 विकसित किया गया था। यह बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों के लिए अनुकूल धान किस्म है ।
पूसा सुगंधा 4 किस्म 120-130 दिनों पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म के दाने लम्बा पतला और अर्ध-बौनी किस्म है।यह सूखा, बाढ़ के प्रति सहनशील है। यह तेज सुगंध के साथ लंबे, पतले दाने पैदा करता है। पूसा सुगंध 4 की अनाज उपज लगभग 40 -45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। पूसा सुगंधा 4 उन किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो अधिक उपज देने वाली, सुगंधित किस्म की तलाश में हैं। पूसा सुगंधा 4 सुगन्धित,लम्बे और पतले दानों के कारण popular paddy variety है।
यह भी जानें :- करें रागी की खेती, फसल एक फायदे अनेक |
(5) NDRR धान 310 :-
एनडीआरआर धान 310 किसानों के बीच सबसे Popular Paddy Variety है।यह धान की उच्च उपज देने वाली सबसे अच्छी किस्म में से एक है। NDRR धान 310 के दाने सफेद और चमकदार होते हैं। इसकी पौधों की लम्बाई 90 से 95 सेंमी होती है। यह बीएलबी और ब्लास्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी होती है। NDRR धान 310 भारत में मध्यप्रदेश,आंध्रप्रदेश ,बिहार ,पश्चिम बंगाल और केरल राज्यों के लिए अनुकूल किस्म है। यह 120 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। NDRR धान 310 किस्म से औसतन 45 से 50 क्विंटल प्रति हैक्टेयर उपज प्राप्त किया जा सकता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 10 से 10.3 प्रतिशत होती है।
(6) NDR 359:-
NDR 359 एक बौनी किस्म की धान है। यह जल्दी पककर तैयार होने वाली किस्म है। NDR 359 किस्म की धान 115 से 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसलिए ये किस्म असिंचित एवं अर्धसिंचित क्षेत्र के लिए उपयुक्त है। NDR 359धान की पौधों की औसतन ऊंचाई 95 सेमी होती है। NDR 359 धान में एलबी, बीएस और बीएलबी रोग का प्रकोप नहीं लगते हैं। NDR 359 धान की बुवाई उत्तर प्रदेश, बिहार,आंध्रप्रदेश और उड़ीसा जैसे राज्यों में की जाती है। इसकी पैदावार 50 से 55 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक होती है।
(7) सीएसआर-10 :-
CSR-10 धान मध्यम अवधि की बोनी किस्म है। यह किस्म 120 से 130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसके दाने सफेद और छोटे होते हैं। सीएसआर-10 धान भारत में हरियाणा, पंजाब, गुजरात, उत्तरप्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र ओडिसा, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के जलवायु के लिए अनुकूल है। धान सीएसआर-10 की औसतन उत्पादन 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसलिए यह किसानों के बीच एक लोकप्रिय धान किस्म (Popular Paddy Variety) है|
(8) जया धान :-
धान की यह किस्म बेक्टीरियल लीफस्टीक, बेक्टीरियल लीफ ब्लाइट, झुलसन रोग तथा ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी है। यह कम लंबाई में सबसे Popular Paddy Variety है। इस किस्म के धान के दाने सफेद और लंबे होते है। जया धान के पौधों की लंबाई लगभग 82 सेंमी तक होती है। यह किस्म 120 से 130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। जया धान किस्म की खेती भारत के लगभग सभी राज्यों में खेती की जा सकती है।
(9) पंत धान-12:-
पंत धान-12 को आई सी ए आर (ICAR) ने जी.बी. पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर विकसित किया है. यह अधिक उपज देने वाले एक अर्ध-बौनी किस्म की धान है| पंत धान-12 किस्म 110 से 115 दिनों में पककर तैयार जाती है| पंत 12 धान सिंचित क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है| इसकी उत्पादन क्षमता अधिक होने के कारण उत्तर भारत में Popular Paddy Variety है | इसकी उत्पादन 70 -80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त किया जा सकता है|
(10)पूसा-1401:-
पूसा-1401 को आई सी ए आर (ICAR) ने विकसित किया है| यह 135 से 140 दिनों में पककर तैयार हो जाती है | पूसा-1401 एक अर्ध- बौनी बासमती धान का किस्म है.यह उत्तर भारत में Popular Paddy Variety है एवं इसकी खेती सिंचित क्षेत्रों में की जाती है. इसकी औसत उत्पादन क्षमता 40 -50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर टन है.
ये सभी लोकप्रिय धान किस्में (10 Popular Paddy Variety) अधिक उपज देने वाली,कीटों और रोगों के लिए प्रतिरोधी हैं। इसलिए भारत के कई हिस्सों में किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प बन गए हैं। इन वैरायटियों के अनाज की अच्छी गुणवत्ता,लंबी संग्रहण,सूखे और गर्मी के तनाव को झेलने की क्षमता एवं उच्च पैदावार के कारण अधिक लोकप्रिय धान की किस्म है। ये फायदे इन किस्मों को उन किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाते हैं जो उच्च गुणवत्ता वाले चावल का उत्पादन करना चाहते हैं जो पौष्टिक और लाभदायक भी हैं।