किसान भाईयों, जानिये गेंहूँ फसल (wheat crop) में पहली सिंचाई कब और कौन सा खाद डाले (first irrigation in wheat crop) डीएपी, यूरिया और पोटाश के बाद गेहूं की फसल (wheat crop)में सबसे जरूरी चीज है पोषक तत्व। जिसकी हमारे खेतों को या हमारी फसलों को जरूरत होती है। वैसे तो गेहूं की फसल (wheat crop)के अलावा किसी भी फसल को पोषक तत्वों की जरूरत होती है, लेकिन किसान भाई पोषक तत्वों का इस्तेमाल करना भूल जाते है।
लेकिन अगर आपके खेत में इसकी कमी हो जाए, खासकर गेहूं के खेत में, तो फसल वहीं रुक जाएगी। चाहे आप कुछ भी डाल दें। इसलिए दोस्तों गेहूं फसल में पहली सिंचाई गेहूं के उत्पादन में सबसे ज्यादा योगदान देती है।
गेंहूँ फसल में पहली सिंचाई कब करें ?
अगर आप पहली सिंचाई ( first irrigation) सही समय पर करते हैं और पहली सिंचाई के साथ आप सही मात्रा में खाद का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको गेहूं का जबरदस्त उत्पादन लेने से कोई नहीं रोक सकता। अगर आप यहां थोड़ी भी लापरवाही करते हैं, तो निश्चित तौर पर आपका गेहूं का उत्पादन कम हो जाएगा।
इसमें कोई शक नहीं है, तो दोस्तों आप अपने खेत में गेहूं की पहली सिंचाई (first irrigation in wheat crop) करने जा रहे हैं, तो आप अपने गेहूं के खेत में कौन-कौन सी खाद डालेंगे। जिससे आपकी गेहूं की फसल में पहली सिंचाई के बाद पौधे से जबरदस्त तरीके से कल्ले निकलते हैं और जो भी अंकुर निकलते हैं, वो अच्छी ग्रोथ के साथ उत्पादक टिलर में बदल जाते हैं।
मतलब आपके गेहूं के पौधे से जो भी कल्ले निकलते हैं, वो आगे चलकर लंबे बालियां बन जाते हैं और बालियों में दाने भर जाते हैं और आपका गेहूं का उत्पादन जबरदस्त होता है. तो ये सभी कारक आपकी मिट्टी पर निर्भर करते हैं. आपके खेत में किस तरह की मिट्टी है, जब आपने गेहूं बोया था तब उसमें कितनी नमी थी. दूसरी बात, गेहूं की फसल पर पहली सिंचाई के समय मौसम कैसा है, तब आप पहली सिंचाई कर सकते हैं।
अब अगर गेहूं की फसल (wheat crop)पर पहली सिंचाई ( first irrigation) की वैज्ञानिक रूप से बात करें तो आप गेहूं की सिंचाई के 21 दिन बाद अपने गेहूं की फसल के खेत में सिंचाई कर सकते हैं. लेकिन किसी परिस्थितिवश सिंचाई में देरी होती है, तो 25 दिन से 30 दिन या 28 दिन के बीच का समय बिल्कुल पर्याप्त है। अगर तापमान सामान्य से अधिक है और गेहूं को बोए हुए करीब 21 दिन हो गए हैं, तो आपको खेत में पहली सिंचाई ( first irrigation) शुरू कर देनी चाहिए, यानी मोटे तौर पर मान लें कि गेहूं की फसल (wheat crop) को एक महीने के अंदर सिंचाई हो जानी चाहिए.
गेहूं की फसल (wheat crop) की पहली सिंचाई 21 से 28 दिन के अंदर क्यों जरुरी ?
गेहूं फसल की पहली सिंचाई बुवाई के 21 से 28 दिनों के भीतर कई कारणों से महत्त्वपूर्ण है :-
अंकुरण में सहायता:-
गेहूं की फसल (wheat crop) की सिंचाई 21 दिन से 30 दिन के बीच हुई है. तो इस समय गेहूं के पौधे ज्यादा बढ़ रहे होते हैं. विज्ञान की थोड़ी बात करें तो इस दौरान गेहूं की फसल की सिंचाई करने से गेहूं का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। शुरुआत में जब हम गेहूं बोते हैं तो गेहूं के दाने में सबसे पहले मूल जड़ें निकलती हैं जिन्हें सेमिनल रूट्स कहते हैं, इसलिए पहली सिंचाई पर्याप्त मिट्टी की नमी सुनिश्चित करती है, जो निकलने वाली नए पौधों के वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
टिलरिंग चरण:–
जैसे ही आपकी गेहूं की फसल (wheat crop)15 दिन से 17 दिन की हो जाती है, सेमिनल रूट्स के आसपास क्राउन रूट्स दिखाई देने लगती हैं। इन क्राउन रूट्स के पास एक गांठ बन जाती है, इन गांठों में 21 दिन के अंदर टिलर बनना शुरू हो गए होते हैं, इसके अंदर नए टिलर बनने शुरू हो गए होते हैं। इसलिए जब आप 21 से 28 दिन के अंदर सिंचाई करते हैं और उसमें खाद भी डालते हैं तो आपकी फसल से निकलने वाले टिलर की संख्या बढ़ जाएगी।
पोषक तत्वों का अवशोषण:-
अगर इस समय आप अपनी गेहूं की फसल (wheat crop) को सिंचाई के समय पूरक पोषक तत्व नहीं दे पाते हैं या संतुलित मात्रा में खाद और पोषक तत्व नहीं दे पाते हैं तो इससे निकलने वाले टिलर की संख्या कम होगी और साथ ही इसकी क्राउन रूट्स भी ठीक से जमीन में नीचे नहीं जा पाएंगी। क्राउन रूट्स ठीक से विकसित नहीं हो पाएंगी।
क्योकि जब गेंहूँ के फसल (wheat crop)में पहली सिंचाई होती है ,तो नम मिट्टी पौधों को मिट्टी से आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करती है। समय पर सिंचाई के बिना, पोषक तत्वों का अवशोषण बाधित हो सकता है, जिससे फसल की वृद्धि प्रभावित हो सकती है।
गेहूं की पहली सिंचाई में कौन सी खाद डाले :-
अब बात करते हैं भाई, गेहूं की पहली सिंचाई में हमें कौन सी संतुलित मात्रा में खाद देनी चाहिए।
जब आप गेहूं की फसल को पहली बार सिंचाई करेंगे और खाद भी डालेंगे तो आपकी फसल में कल्लों की संख्या बढ़ेगी। अगर आप सही समय पर संतुलित मात्रा में पूरक पोषक तत्व नहीं दे पाए तो पौधों से निकलने वाले कल्लों की संख्या कम होगी और पौधों से निकलने वाली क्राउन जड़ें भी ठीक से जमीन में नीचे नहीं जा पाएंगी। उनका सही से विकास नहीं हो पाएगा।
अब बात करते हैं कि गेहूं की पहली सिंचाई में हमें कौन सी संतुलित मात्रा में उर्वरक देना चाहिए। ताकि एक तरफ आपकी फसल की क्राउन जड़ें ठीक से विकसित हो सकें और दूसरी तरफ गेहूं के पौधों से ज्यादा से ज्यादा अंकुर(कल्लें) निकल सकें। जितने कल्लें होंगे, उतना ही ज्यादा उत्पादन मिलेगा।
तो अगर आप शुरुआत में बेसल खुराक के समय डीएपी, पोटाश और आप सिंगल सुपर फॉस्फेट नहीं डाल पाए। कुल मिलाकर अगर आपको बेसल खुराक में फास्फोरस या पोटाश देना था और आप अपनी फसल को वह नहीं दे पाए तो यह आपके लिए पहले सिंचाई के समय आखिरी मौका है।
इस समय खेत की मिट्टी बहुत भुरभुरी होती है। अभी भी अगर आपके पास DAP की सुविधा है तो आप पहली सिंचाई के दौरान 30 से 35 किलो DAP प्रति एकड़ डाल सकते हैं। NPK की सुविधा है तो आप 12:32:16 का पूरा बैग (50 किलो) डाल सकते हैं। सिंगल सुपर फॉस्फेट भी पहली सिंचाई से पहले कम से कम एक बैग या 60 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट अपने खेत में डालना है। इसे बाद में न डालें।
ये सभी पहली सिंचाई के पहले डालना है। यदि आपने बेसल डोज़ के रूप में डीएपी दे चुके थे और पोटाश आपने नहीं दिया था,तो बहुत बड़ी गलती कर रहे हो। क्योकि बढ़िया उत्पादन के लिए पोटाश का बड़ा योगदान होता है। उसकी आप आधी मात्रा पहली सिंचाई के समय लगभग 20 किलो से लेकर 30 किलो पोटाश का प्रयोग करना है,
केवल आपको म्यूरेट ऑफ पोटाश जो लाल कलर में चूरे वाला आता है अपने खेत में डाल देना है। ये उक्त मात्रा शुरुआत में बेसल डोज के रूप में नहीं दे पाए थे तो आप पहली सिंचाई के समय दे सकते है।