मात्र एक खाद से बाजार में मिलने वाली सभी खादों की छट्टी | world best fertilizer for farming |

world best fertilizer for farming: किसान भाइयों, आजकल खेती में सबसे बड़ी समस्या यह है कि जब भी हम कोई फसल उगाते हैं, तो खर्च बहुत ज़्यादा हो जाता है। इस वजह से हमें फसलों से बहुत कम मुनाफ़ा मिल रहा है। खेती में खर्च बढ़ने की वजह यह है कि हम अपनी फसलों में तरह-तरह की खाद(fertilizer) और टॉनिक का इस्तेमाल करने लगे हैं।

world best fertilizer for farming
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तरह-तरह के खादों (fertilizers) का इस्तेमाल-

देखिए, आजकल हम अपनी ज़मीन में ह्यूमिक एसिड डालने लगे हैं, जिसका पहले कभी इस्तेमाल नहीं होता था। ह्यूमिक एसिड का इस्तेमाल पिछले कुछ सालों से हो रहा है। हम अमीनो एसिड का इस्तेमाल करते हैं, फसलों पर स्प्रे करते हैं।

अपनी फसलों के लिए हम मिट्टी में तरह-तरह के समुद्री शैवाल के अर्क डाल रहे हैं। छिड़काव के लिए कई तरह के खाद आ गए हैं, जैसे अगर जिंक की कमी है तो जिंक का छिड़काव किया जाता है, बोरान का छिड़काव किया जाता है, सल्फर का छिड़काव किया जाता है, कैल्शियम का छिड़काव किया जाता है। तो मिट्टी में कई तरह के सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी भी देखने को मिल रही है। इनके संबंधित उत्पाद बाजार में आ रहे हैं, इसलिए हम इनका छिड़काव में इस्तेमाल करते हैं।

इन उत्पादों की जरूरत क्यों है?

हालांकि, इनकी भी जरूरत है। अगर हम इनका इस्तेमाल नहीं करेंगे तो फसल नहीं होगी। लेकिन इनकी जरूरत हमने ही पैदा की है। हमने कुछ गलतियां की हैं और अभी भी कर रहे हैं, जिसकी वजह से हमें इन बाजारू उत्पादों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। और ऐसा हमें तब तक करना पड़ेगा, जब तक आप अपनी खेती में सुधार नहीं करते।

मिट्टी के स्वास्थ्य की अनदेखी-

खेती में समस्या यह है कि हमने मिट्टी के अंदर ऑर्गेनिक कार्बन डालना बंद कर दिया है। उदाहरण के लिए, अगर फसल के अवशेष बच जाते हैं, तो हम उन्हें जला देते हैं। हम उन्हें खेत में सड़ने नहीं देते, ताकि वे वहीं कार्बन और पोषक तत्व बढ़ा सकें। ऐसा करके हम जमीन को और भी ज्यादा बर्बाद करते हैं। इसके साथ ही आजकल हमारा गोबर खाद से कोई नाता नहीं रह गया है।

किसानों ने गोबर खाद डालना बंद कर दिया है। वे सिर्फ यूरिया, डीएपी और पोटाश पर आ गए हैं। और बाजार से टॉनिक का इस्तेमाल करते हैं। कोई केंचुआ खाद भी नहीं डाल रहा है। जो खाद हमें मिल रही है, उसका भी हम सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।

मिट्टी में समस्याओं का कारण


मिट्टी में जो समस्याएं पैदा हो रही हैं, उसका कारण यह है कि हम गोबर खाद नहीं डाल रहे हैं। हम हरी खाद नहीं उगा रहे हैं। हमारे पास कई विकल्प हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ बाजार से उत्पाद लाने पर ही रुक जाते हैं।

गोबर खाद का महत्व


अगर आप अपनी मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में गोबर खाद डालते रहेंगे, तो आपको ह्यूमिक एसिड की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि यह अपने आप सड़ जाएगी और मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में ह्यूमस और कार्बन बनाएगी। मिट्टी में माइक्रोबियल एक्टिविटी अपने आप बेहतर हो जाएगी। जिंक, बोरॉन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी पूरी हो जाएगी। आपको बाजार से कोई टॉनिक लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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बाजार के टॉनिक से होने वाली समस्याएं

आप बाजार से टॉनिक लाते हैं और उसका छिड़काव करते हैं, लेकिन आपको यह नहीं पता होता कि फसल को इसकी जरूरत है या नहीं। हो सकता है कि आप जो सूक्ष्म पोषक तत्व छिड़क रहे हैं, वह फसल में पहले से ही पर्याप्त मात्रा में हो। इससे विषाक्तता हो सकती है, जिससे फसल की वृद्धि रुक ​​सकती है, पत्तियां जल सकती हैं और उत्पादन में कमी आ सकती है। अगर कमी है और आप सही मात्रा में नहीं दे पा रहे हैं, तो भी फसल की वृद्धि पूरी नहीं होगी।

जमीन पर ध्यान दें

हम फसलों पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं, जो टॉनिक डालते रहते हैं। लेकिन हमने अपनी जमीन से ध्यान हटा लिया है। अगर आप अपना ध्यान फिर से जमीन पर लगाएंगे, तो सारी समस्याएं कम हो जाएंगी। जमीन को बेहतर बनाने का आसान तरीका है कि गोबर की खाद ज्यादा डालें, हरी खाद उगाएं। इससे कार्बन और ह्यूमस बढ़ेगा, सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ेगी और मिट्टी भुरभुरी बनेगी।

प्राकृतिक तरीके से सूक्ष्मजीवों का विकास


जब आप गोबर की खाद या फसल अवशेष डालेंगे तो ट्राइकोडर्मा, स्यूडोमोनास जैसे अच्छे सूक्ष्मजीव अपने आप बढ़ने लगेंगे। हानिकारक रोगाणु कम हो जाएंगे, जिससे बीमारियों और कीटों की समस्या कम होगी। पौधे को खुद पता होता है कि उसे मिट्टी से क्या और कितना चाहिए। आपको बस मिट्टी को स्वस्थ रखना है।

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खर्च कम करें, फसल बेहतर करें


अगर आप गोबर की खाद, हरी खाद और जैविक खाद का ज्यादा इस्तेमाल करेंगे तो यूरिया, पोटाश और फास्फोरस की जरूरत भी कम होगी। कम यूरिया से भी अच्छी फसल होगी। हरित क्रांति के समय गोबर की खाद से मिट्टी की स्थिति अच्छी थी, बस नाइट्रोजन की कमी थी। थोड़ा यूरिया डालने से बढ़िया उत्पादन हुआ। आज वही स्थिति लाने की जरूरत है।


उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। अपनी जमीन को स्वस्थ बनाएं, गोबर की खाद का इस्तेमाल करें और महंगे बाजारू उत्पादों से बचें। इससे आपके खर्चे कम होंगे, फसल अच्छी होगी और मुनाफा बढ़ेगा।

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