NFSNMS scheme Rice gram Demonstration :कोरबा जिले के पाली विकासखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन (अनाज) योजना के तहत खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए राइसग्राम क्लस्टर प्रदर्शन का आयोजन किया गया है । इस योजना के अंतर्गत उपसंचालक कृषि, कोरबा ने पाली विकासखंड को 50 हेक्टेयर में राइसग्राम प्रदर्शन का लक्ष्य दिया गया था। इसके लिए तीन गाँवों – नवापारा, पुलालीकला और मुंढाली – को चुना गया है, जहाँ 60 किसानों को इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए चयनित किया गया है।

राइसग्राम क्लस्टर प्रदर्शन एक ऐसी पहल है, जिसका मकसद किसानों को उन्नत तकनीकों के जरिए धान की खेती में बेहतर उत्पादन और गुणवत्ता हासिल करने में मदद करना है। इस योजना के तहत प्रत्येक किसान को प्रति हेक्टेयर 75 किलोग्राम के हिसाब से MTU 1156 किस्म का धान बीज उपलब्ध कराया गया है। इस किस्म को इस क्षेत्र की मिट्टी और जलवायु के लिए उपयुक्त माना जाता है। वर्तमान में इन गाँवों में धान की रोपाई का काम जोर-शोर से चल रहा है।
NFSNMS Ricegram : 2 अगस्त 2025 को नवापारा में हुआ दौरा
2 अगस्त 2025 को वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री अजय सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने नवापारा गाँव का दौरा किया। इस टीम में श्री एम.एस. गोंड (RAEO), श्री नवीन कुमार जायसवाल (RAEO), श्री महेश कुमार (RAEO), और प्रदर्शन प्रभारी श्री ए.एल. मरकाम (RAEO), सैला शामिल थे। इस दौरान टीम ने राइसग्राम प्रदर्शन के लिए चयनित खेतों का जायजा लिया और वहाँ कतार रोपण (लाइन रोपाई) की तकनीक का उपयोग कर रही महिला किसानों से मुलाकात की।

महिला किसानों को मिला प्रोत्साहन:-
टीम ने न केवल खेतों में जाकर धान की रोपाई का निरीक्षण किया, बल्कि महिला किसानों को कतार रोपण की तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्री अजय सिंह और उनकी टीम ने खेतों में उतरकर महिला किसानों के साथ धान की रोपाई की और उन्हें इस उन्नत तकनीक के फायदे बताए। कतार रोपण से न केवल खेती में समय और मेहनत की बचत होती है, बल्कि फसल की पैदावार भी बढ़ती है।

महिला किसानों को प्रोत्साहित करते हुए टीम ने इस योजना के तहत उपलब्ध संसाधनों और तकनीकी सहायता के बारे में भी चर्चा की। इस दौरान किसानों ने अपनी समस्याएँ और अनुभव साझा किए, जिनका समाधान मौके पर ही सुझाया गया।
क्यों खास है NFSNMS Ricegram Demonstration योजना?
राइसग्राम क्लस्टर प्रदर्शन योजना का उद्देश्य न केवल उत्पादन बढ़ाना है, बल्कि किसानों को आधुनिक खेती की तकनीकों से जोड़ना भी है। कतार रोपण जैसी तकनीकों से पानी, बीज और उर्वरक का उपयोग कम होता है, जिससे लागत घटती है और पर्यावरण को भी फायदा होता है। साथ ही, इस योजना में महिला किसानों की भागीदारी को बढ़ावा देना एक सकारात्मक कदम है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण को दर्शाता है।
कोरबा जिले में राइसग्राम क्लस्टर प्रदर्शन के तहत शुरू हुआ यह प्रयास निश्चित रूप से किसानों के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा। कृषि विभाग की सक्रिय भागीदारी और किसानों का उत्साह इस बात का संकेत है कि खरीफ 2025-26 में धान की खेती में बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
कोरबा के किसान और खासकर महिला किसान इस पहल के जरिए न केवल अपनी आजीविका को बेहतर बना सकेंगे, बल्कि क्षेत्र की खाद्य सुरक्षा में भी योगदान देंगे।