कैसे करें गर्मी में पशुओं की देखभाल और टीकाकरण | Animal care and vaccination in summer|

“How to take animal care and vaccination in summer”

गर्मी में पशुओं की देखभाल (Animal Care) कैसे करें? गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और मुर्गियों के लिए टीकाकरण (vaccination) और देखभाल के आसान टिप्स। पशुपालन को बनाएं सुरक्षित और फायदेमंद।

खेती और पशुपालन एक-दूसरे के पूरक हैं। गांव हो या शहर, पशु हमारे लिए न सिर्फ दूध, गोबर और खेती में मदद देते हैं, बल्कि हमारी आजीविका का भी बड़ा हिस्सा हैं। लेकिन गर्मी का मौसम पशुओं के लिए मुश्किल भरा हो सकता है। तेज धूप, लू और गर्म हवाएं उनकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं।

“How to take animal care and vaccination in summer”
कैसे करें गर्मी में पशुओं की देखभाल और टीकाकरण

ऐसे में उनकी सही देखभाल और समय पर टीकाकरण बहुत जरूरी है। इस ब्लॉग में हम गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और मुर्गियों की गर्मी में देखभाल और टीकाकरण के बारे में विस्तार से बात करेंगे। तो चलिए, शुरू करते हैं!

Animal Care : गर्मी में पशुओं की देखभाल क्यों जरूरी?

गर्मी में तापमान बढ़ने से पशुओं को डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर उनकी देखभाल ठीक से न की जाए, तो दूध उत्पादन कम हो सकता है, खेती का काम प्रभावित हो सकता है और पशु बीमार पड़ सकते हैं। सही देखभाल और टीकाकरण से न सिर्फ पशु स्वस्थ रहते हैं, बल्कि आपका पशुपालन का बिजनेस भी फलता-फूलता है।

गाय और बैलों की देखभाल

गाय और बैल खेती का रीढ़ हैं। गर्मी में इनकी देखभाल के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखें:

  1. ठंडी छांव और हवादार जगह: गाय-बैलों को हमेशा छायादार और हवादार शेड में रखें। शेड की छत 7-10 फीट ऊंची हो, ताकि गर्मी कम लगे। छत पर घास या पैरा बिछाएं, इससे तापमान कम रहता है।
  2. साफ और ठंडा पानी: दिन में 3-4 बार साफ और ठंडा पानी दें। पानी में ओआरएस या इलेक्ट्रोलाइट मिलाएं, खासकर अगर पशु को ज्यादा पसीना आ रहा हो।
  3. पोषक आहार: चारे में हरा चारा जैसे ज्वार, बाजरा, नेपियर घास या गिन्नी घास शामिल करें। नमक-चूना (मिनरल मिक्सचर) देना न भूलें।
  4. धूप से बचाव: दोपहर की तेज धूप में पशुओं को बाहर न निकालें। अगर बाहर ले जाना जरूरी हो, तो सुबह या शाम का समय चुनें।
  5. पंखे या कूलर: अगर मुमकिन हो, तो शेड में पंखे या कूलर का इस्तेमाल करें।

टीकाकरण(vaccination)

गाय और बैलों को बीमारियों से बचाने के लिए समय पर टीकाकरण जरूरी है:

  • फुट एंड माउथ डिजीज (एफएमडी): साल में दो बार (मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर) में टीका लगवाएं।
  • गलघोंटू (एचएस): गर्मी की शुरुआत में (अप्रैल-मई) टीकाकरण करवाएं।
  • ब्लैक क्वार्टर (बीक्यू): मई-जून में टीका लगवाएं।

सभी टीकों को 2°C-8°C तापमान पर स्टोर करें और सुबह या शाम को लगवाएं।

भैंसों की देखभाल

भैंसें गर्मी में ज्यादा परेशान होती हैं, क्योंकि उनकी त्वचा गर्मी को ज्यादा सोखती है। इनके लिए खास ध्यान दें:

  1. ठंडा पानी और नहलाना: भैंसों को दिन में 2-3 बार ठंडे पानी से नहलाएं। अगर पास में कुंड या जलाशय हो, तो वहां ले जाएं।
  2. पानी वाला आहार: चारे में तरबूज के छिलके, खीरा या अन्य पानी वाली चीजें मिलाएं। हरा चारा भी ज्यादा दें।
  3. छायादार शेड: भैंसों को भी हवादार और छायादार जगह पर रखें। छत पर घास बिछाएं।
  4. पंखे का इंतजाम: शेड में पंखे लगाएं, ताकि गर्मी कम लगे।

टीकाकरण

भैंसों का टीकाकरण गायों जैसा ही है:

  • एफएमडी: मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर में।
  • गलघोंटू: अप्रैल-मई में।
  • ब्लैक क्वार्टर: मई-जून में।

बकरी और भेड़ की देखभाल

बकरी और भेड़ छोटे पशु हैं, लेकिन गर्मी में इनकी देखभाल भी उतनी ही जरूरी है:

  1. छायादार और हवादार जगह: इन्हें छायादार और हवादार शेड में रखें। शेड की छत ऊंची और घास से ढकी हो।
  2. धूप से बचाव: दोपहर में इन्हें बाहर चराने न ले जाएं। सुबह या शाम का समय चुनें।
  3. साफ पानी: दिन में 2-3 बार साफ पानी दें।
  4. पोषक चारा: हरा चारा जैसे ज्वार, बाजरा या नेपियर घास दें। मौसमी फल-सब्जियों के छिलके भी मिला सकते हैं।

टीकाकरण

बकरी और भेड़ को एंटरोटॉक्सिमिया का टीका साल में एक बार (अप्रैल-मई) में जरूर लगवाएं।

मुर्गी पालन में देखभाल

मुर्गी पालन में गर्मी का असर ज्यादा होता है, क्योंकि मुर्गियां गर्मी सहन नहीं कर पातीं। इनके लिए खास टिप्स:

  1. वेंटिलेशन: मुर्गी शेड में अच्छा वेंटिलेशन रखें। खिड़कियों पर जूट के बोरे लटकाएं और उन पर पानी डालते रहें।
  2. ठंडा पानी: दिन में 2-3 बार ठंडा पानी दें। पानी में इलेक्ट्रोलाइट और विटामिन मिलाएं।
  3. कूलिंग सिस्टम: अगर मुमकिन हो, तो कूलिंग पैड या पंखे लगाएं।
  4. छत का इंतजाम: अगर छत टिन या एसबेस्टस की है, तो उस पर घास या पैरा बिछाएं।
    मुर्गी पालन में गर्मी का असर ज्यादा होता है, क्योंकि मुर्गियां गर्मी सहन नहीं कर पातीं। इनके लिए खास टिप्स:
  5. वेंटिलेशन: मुर्गी शेड में अच्छा वेंटिलेशन रखें। खिड़कियों पर जूट के बोरे लटकाएं और उन पर पानी डालते रहें।
  6. ठंडा पानी: दिन में 2-3 बार ठंडा पानी दें। पानी में इलेक्ट्रोलाइट और विटामिन मिलाएं।
  7. कूलिंग सिस्टम: अगर मुमकिन हो, तो कूलिंग पैड या पंखे लगाएं।
  8. छत का इंतजाम: अगर छत टिन या एसबेस्टस की है, तो उस पर घास या पैरा बिछाएं।
  9. आहार: चारे में मौसमी फल-सब्जियों के अवशेष मिलाएं।

टीकाकरण

मुर्गियों के टीकाकरण का समय सुबह या शाम रखें। सभी टीकों को 2°C-8°C पर स्टोर करें। टीकाकरण का शेड्यूल पशु चिकित्सक से सलाह लेकर बनाएं।

सामान्य टिप्स

  • पशु शेड का रखरखाव: शेड को साफ रखें। गोबर और गंदगी रोज हटाएं।
  • हरे चारे का इस्तेमाल: ज्वार, बाजरा, नेपियर घास और गिन्नी घास जैसे हरे चारे का ज्यादा इस्तेमाल करें।
  • पशु चिकित्सक की सलाह: किसी भी बीमारी के लक्षण दिखें, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें।
  • टीकाकरण का रिकॉर्ड: सभी पशुओं के टीकाकरण का रिकॉर्ड रखें, ताकि समय पर टीका लग सके।

FAQs :-

1. गर्मी में पशुओं को कितनी बार पानी देना चाहिए?
पशुओं को दिन में 3-4 बार साफ और ठंडा पानी देना चाहिए। गर्मी ज्यादा हो, तो पानी में ओआरएस या इलेक्ट्रोलाइट मिलाएं।

2. पशु शेड की छत पर घास क्यों बिछानी चाहिए?
घास या पैरा बिछाने से छत का तापमान कम रहता है, जिससे शेड के अंदर गर्मी कम लगती है।

3. टीकाकरण का सही समय क्या है?
टीकाकरण सुबह या शाम के समय करें, जब तापमान कम हो। टीकों को 2°C-8°C पर स्टोर करें।

4. क्या भैंसों को गायों जैसे ही टीके लगते हैं?
हां, भैंसों को भी गायों जैसे ही टीके (एफएमडी, गलघोंटू, ब्लैक क्वार्टर) लगते हैं। समय भी वही है।

5. अगर पशु बीमार हो जाए, तो क्या करें?
तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें। बिना सलाह के कोई दवा न दें।


डिस्क्लेमर :- यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए है और इसे पेशेवर पशु चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। पशुओं की देखभाल और टीकाकरण के लिए हमेशा नजदीकी पशु चिकित्सक या विशेषज्ञ से सलाह लें। गलत देखभाल या टीकाकरण से पशुओं की सेहत को नुकसान हो सकता है। इस ब्लॉग के आधार पर कोई भी कदम उठाने से पहले विशेषज्ञ की राय जरूर लें।

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