Animal care in rainy season| barish ke mausam me pashuon ki dekhbhal| बारिश के मौसम में पशुओं की देखभाल कैसे करें टिप्स।

Animal care tips in rainy season बारिश का मौसम आने वाला है, इसलिए किसानों को अपने पशुओं की देखभाल (Animal Care in Rainy Season) विशेष रूप से करनी चाहिए। जानें कौन सी बीमारियां होती हैं, टीकाकरण क्यों जरूरी है और कैसे बचाएं पशुओं को मौसमी रोगों से।

बारिश के मौसम में पशुओं की सुरक्षा क्यों जरूरी है?

बारिश का मौसम जहां खेती के लिए फायदेमंद होता है, वहीं पशुओं के लिए कई तरह की बीमारियों का खतरा भी लेकर आता है। नमी और गंदगी की वजह से पशुओं को संक्रमण होने का डर रहता है। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो पशु बीमार पड़ सकते हैं और उनकी जान भी जा सकती है। इसलिए, किसानों को पशुओं की देखभाल (Animal Care in Rainy Season) के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

बारिश में पशुओं को होने वाली प्रमुख बीमारियां

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, बारिश के मौसम में पशुओं को मुख्य रूप से तीन बीमारियों का खतरा रहता है:

1. गलघोटू (Black Quarter)

यह बीमारी मिट्टी में मौजूद बैक्टीरिया के कारण फैलती है, जो बारिश के दौरान नम वातावरण में सक्रिय हो जाते हैं।

  • यह बीमारी बैक्टीरिया से फैलती है और गाय-भैंसों को ज्यादा प्रभावित करती है।
  • लक्षण: गले में सूजन, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ।
  • बचाव: साल में एक बार टीकाकरण (Vaccination) जरूर करवाएं।

2. खुरपका-मुंहपका (Foot and Mouth Disease)

Animal care in the rainy season 10 important tips
Animal care in the rainy season 10 important tips
  • यह वायरल बीमारी है जिसमें पशु के मुंह और खुर में छाले पड़ जाते हैं।
  • लक्षण: पशु कुछ खा-पी नहीं पाता, दूध उत्पादन कम हो जाता है।
  • बचाव: नियमित वैक्सीनेशन (Vaccination) और साफ-सफाई का ध्यान रखें।

3. लंगड़ी रोग (Hemorrhagic Septicemia)

  • इस बीमारी में पशु के पैरों में सूजन आ जाती है और वह लंगड़ाने लगता है।
  • लक्षण: पैरों में दर्द, कमजोरी, बुखार।
  • बचाव: 6 महीने की उम्र से ही टीका (Vaccine) लगवाना शुरू कर दें।

पशुओं को बीमारियों से कैसे बचाएं?

  1. टीकाकरण (Vaccination) जरूर करवाएं – गलघोटू, खुरपका और लंगड़ी रोग से बचाव के लिए समय-समय पर टीके लगवाते रहें।
  2. साफ-सफाई का ध्यान रखें – पशुओं के बाड़े को सूखा और साफ रखें, गंदा पानी जमा न होने दें।
  3. संक्रमित पशुओं को अलग रखें – अगर कोई पशु बीमार दिखे, तो उसे तुरंत स्वस्थ पशुओं से अलग कर दें।
  4. पौष्टिक आहार दें – बारिश के मौसम में पशुओं को हरा चारा और संतुलित भोजन दें ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।
  5. परजीवियों से बचाव-बारिश के मौसम में बाहरी और आंतरिक परजीवियों (जैसे जूं, किलनी और पेट के कीड़े) का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए पशुओं को नियमित रूप से कृमिनाशक दवाएं दें .

पशुओं का आहार प्रबंधन:-

बारिश के मौसम में पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक और संतुलित आहार देना जरूरी है। निम्नलिखित टिप्स अपनाएं:

हरा चारा और सूखा चारा

पशुओं को ताजा और साफ हरा चारा दें। बारिश में हरा चारा गीला हो सकता है, इसलिए इसे सुखाकर या साफ करके खिलाएं। साथ ही, सूखा चारा (जैसे भूसा) भी उपलब्ध कराएं ताकि पशुओं को पर्याप्त रेशा मिले।

खनिज और विटामिन की पूर्ति

पशुओं को खनिज मिश्रण और विटामिन की गोलियां दें। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और दूध उत्पादन भी बेहतर होगा। पशु चिकित्सक से सलाह लेकर उचित खनिज मिश्रण का उपयोग करें।

साफ और ताजा पानी

पशुओं को हमेशा साफ और ताजा पानी उपलब्ध कराएं। बारिश के मौसम में पानी में कीटाणु होने का खतरा रहता है, इसलिए पानी को उबालकर या साफ करके पिलाएं।

अनाज और दाना

पशुओं को संतुलित मात्रा में अनाज और दाना दें। ज्यादा दाना देना भी नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए पशु चिकित्सक की सलाह के अनुसार आहार तय करें।

बारिश के मौसम में पशुओं की देखभाल (Animal Care in Rainy Season) बहुत जरूरी है। अगर किसान समय पर टीकाकरण करवाएं और साफ-सफाई का ध्यान रखें, तो पशुओं को बीमारियों से बचाया जा सकता है। इससे न केवल पशुओं की जान बचेगी, बल्कि किसानों को आर्थिक नुकसान से भी बचाया जा सकता है।

याद रखें – स्वस्थ पशु ही किसान की समृद्धि की नींव हैं!

Faqs:-

Q1. बारिश में पशुओं को कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं?

Ans: गलघोटू, खुरपका-मुंहपका और लंगड़ी रोग मुख्य बीमारियां हैं।

Q2. पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए क्या करें?

Ans: समय पर टीकाकरण (Vaccination), साफ-सफाई और पौष्टिक आहार देना जरूरी है।

Q3. क्या बीमार पशु का दूध पीना सुरक्षित है?

Ans: नहीं, बीमार पशु का दूध न पिएं, क्योंकि इसमें संक्रमण फैलने का खतरा होता है।

Q4. गलघोटू का इलाज क्या है?

Ans: इसका कोई सीधा इलाज नहीं है, केवल वैक्सीन (Vaccine) ही बचाव का तरीका है।

डिस्क्लेमर (Disclaimer):- इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य सलाह के लिए है। पशुओं में कोई भी गंभीर लक्षण दिखने पर तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें। लेखक या वेबसाइट किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।

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