बरसात में टमाटर कब लगाएं | Barsat Mein Tamatar Kab Lagaen.

दोस्तों, हमें इस बात पर बहुत सारी टिप्पणियाँ मिलती हैं कि बरसात के मौसम में Tamatar लगाने का सही समय क्या है। इस आर्टिकल में हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि अगर आप बरसात के मौसम में Tamatar की खेती करना चाहते हैं, तो आपको नर्सरी कब डालनी है और कब इसकी रोपाई करनी है। हमें अगेती टमाटर की खेती कब करनी चाहिए, सही समय कब है और पछेती टमाटर की खेती कब करनी चाहिए ताकि हमें बाजार में अच्छे दाम मिल सकें।

Barsat Mein Tamatar Kab Lagaen.
Barsat Mein Tamatar Kab Lagaen.

पौधों की उचित वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए बरसात के मौसम की शुरुआत में Tamatar लगाएँ। भारी बारिश से पहले टमाटर के पौधों को जल्दी लगाने से अंकुरों पर बहुत ज़्यादा प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है, जिससे बीमारी और जलभराव का जोखिम कम हो जाता है। Tamatar ki kheti के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी चुनें। यह तेज़ हवाओं और अत्यधिक नमी के कारण पौधे को होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है।

दोस्तों, अगर हम देखें तो बरसात के मौसम में Tamatar ki kheti करना बहुत मुश्किल है। वैसे अगर आप सही समय का चुनाव नहीं करते हैं। तो Tamatar ki kheti करना बहुत मुश्किल हो जाता है। जब भी हम बरसात के मौसम में टमाटर की खेती करते हैं, तो हमें सबसे बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है।

वह है ब्लाइट का प्रकोप। इसमें खास तौर पर तीन बीमारियों की ज्यादा प्रकोप दिखाई देती हैं, जिसमे अर्ली ब्लाइट, लेट ब्लाइट और बैक्टीरियल माइट, जो बरसात के मौसम में हमें बहुत परेशान करते हैं और यह बीमारी Tamatar ki kheti के लिए सबसे बड़ी समस्या है। यह हमें बरसात के मौसम में ज्यादा परेशान करते हैं।

बरसात के मौसम में हमें तीनों ब्लाइट को नियंत्रित करना होता है। फफूंदनाशकों और जीवाणुओं का उपयोग करके हम ब्लाइट को नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण तापमान है। पहला कम या अधिक तापमान, दूसरा, कम या अधिक आर्द्रता और तीसरा, कम या अधिक वर्षा। आप जो फफूंदनाशक लगाते हैं, वह आपको नियंत्रण देता है।

लेकिन अगर आपने सही समय चुना है, तो ये सभी ब्लाइट आपकी फसल पर आते हैं, लेकिन वे नियंत्रित हो जाते हैं। इसलिए जब भी आप टमाटर लगाने वाले हों, तो आपको इन तीनों ब्लाइट के हिसाब से समय का ध्यान रखना चाहिए, आपका मानसून कब आता है।

Ageti Tamatar Kab Lagaen-

आपके क्षेत्र में कितनी बारिश होती है, कब अधिक होती है, कब कम होती है, इन सभी कारकों को देखकर ही आपको समय चुनना चाहिए। तो सबसे पहले हमें यह जानना चाहिए कि सही समय क्या है और शुरुआती समय क्या है और हमारा देर का समय क्या है। सबसे पहले हमें यह जानना चाहिए कि शुरुआती समय किसे कहते हैं।

अगर Tamatar के लिए शुरुआती समय की बात करें, तो जब भी आपके क्षेत्र में मानसून आता है। मान लीजिए कि आपके यहाँ औसतन 20 तारीख को मानसून आता है, तो उस तारीख से अगर आप एक हफ्ते के अंदर नर्सरी लगाते हैं। आपकी नर्सरी करीब 25 दिन से एक महीने में तैयार हो जाती है।

यदि उस समय को 20 जुलाई कहा जाएगा तो अगर आपका मानसून 20 जून को आता है और आप टीपी 20 जुलाई को करते हैं तो उस समय को आपका शुरुआती समय कहा जाएगा।
अगर आप मानसून के आने के समय नर्सरी लगाते हैं तो यह हमारा शुरुआती समय है। हमारे लिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि उस समय क्या-क्या समस्याएं आती हैं।

अब हम जानेंगे कि सही समय क्या है और देरी का समय क्या है। तो अगर हम देखें तो जब भी आप शुरुआती समय में टीपी करते हैं या जब भी आप नर्सरी लगाते हैं, तो शुरुआत नर्सरी से ही होती है। तो चलिए जानते हैं कि जब मानसून हमारे यहां आता है तो उस समय क्या स्थिति होती है।

नमी और तापमान का प्रभाव –

बरसात में Tamatar ki kheti के लिए जहां तक ​​तापमान की बात है तो हमारे यहां करीब 35 डिग्री से 45 डिग्री तापमान रहता है। और अगर नमी की बात करें तो करीब 70% से 80% नमी रहती है। तो ज्यादा तापमान और ज्यादा नमी ये हमारे दो फैक्टर हैं। इसे आप ब्लाइट के लिए आमंत्रण समझ सकते हैं।

चाहे आप नर्सरी लगा रहे हों या फिर टीपी ही क्यों न कर रहे हों। यही कारण है कि इस समय हम जो भी नर्सरी लगाते हैं, बीमारी की शुरुआत नर्सरी से ही होती है। तापमान अधिक होने से पौधा सीधा बढ़ता है। उसमें ज्यादा शाखाएँ नहीं होती हैं। चाहे नर्सरी हो या जब आप खेत में लगा रहे हों, आप देखेंगे कि अगर आपने अगेती tamatar लगाया है, तो भी आपका पौधा सीधा बढ़ेगा और उसमें ज्यादा शाखाएँ नहीं होती हैं, तो इसकी वजह से क्या होता है कि आपका खेत प्रभावित होता है। ये एक बात है।

दूसरी बात, ज्यादा नमी और ज्यादा तापमान की वजह से आपकी फसल अर्ली ब्लाइट, लेट ब्लाइट और बैक्टर बेड से प्रभावित होती है। ये तीन तरह के ब्लाइट ज्यादा कॉमन हैं। आपका पौधा तापमान को समझ नहीं पा रहा है। वो मौसम को समझ नहीं पा रहा है।

कभी तापमान ज्यादा होता है, बारिश होती है, तापमान कम होता है, नमी कभी ज्यादा होती है, कभी कम होती है, तो ये मौसम का उतार-चढ़ाव है। इसकी वजह से पौधा तनाव में आ जाता है और जब पौधा तनाव में आता है, तो उसमें फूल गिरने की समस्या आती है। फूल गिरने की समस्या होगी और पौधा भी ठीक से काम नहीं कर पाएगा। तो ये जल्दी पौधे लगाने के नुकसान हैं, वैसे बाद में सब ठीक हो जाता है।

तो चलिए समझते हैं, Tamatar ki kheti के क्या नुकसान हैं। वैसे बरसात में टमाटर जल्दी लगाने का सबसे बड़ा फायदा अगर देखा जाए तो वो ये है कि आपको बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं. दूसरा अगर नुकसान की बात करें तो वो ये है कि आपको ज्यादा रख-रखाव करना पड़ता है. इस समय आपको ज्यादा दवाई का छिड़काव करना पड़ता है. आपकी फसल उतनी उत्पादन नहीं होता. उसकी क्वालिटी भी उतनी अच्छी नहीं होती. अब आप समझ गए होंगे कि टमाटर की फसल जल्दी लगाने के क्या नुकसान हैं.

बरसात में पिछेती टमाटर की खेती का सही समय :-

अब हम जानते हैं कि बरसात में Tamatar ki kheti का सही समय क्या है.तो आपको ये जानना जरुरी है कि उस इलाके में मानसून किस तारीख को आता है और आप आमतौर पर Tamatar की रोपण किस समय करते हैं। तो आईये जानते है,सही समय क्या है? सही समय वो है जिस समय आपका मानसून आ रहा है उसके एक महीने बाद नर्सरी का समय ठीक है. एक महीने बाद यानी 20 दिन से लेकर एक महीने के बीच में आपको नर्सरी डाल देनी चाहिए.

मान लीजिए हमने भी समय देखा कि हमारा मानसून 20 जून को आ रहा है, तो 20 जुलाई को हम क्या करेंगे? हम नर्सरी लगाएंगे। अगर हम 20 जुलाई को नर्सरी लगाएंगे, तो Tamatar ki नर्सरी हमारे लिए करीब 15 अगस्त तक तैयार हो जाएगी। करीब 15 अगस्त तक हमें पूरी नर्सरी मिल जाएगी। अगर हम उस समय टीपी करेंगे, तो वो हमारे लिए सही समय होगा। क्योंकि आपने देखा होगा कि शुरुआती प्री-मानसून को परिपक्व मानसून बनने में करीब एक महीने का समय लगता है।

जब हम देखते हैं कि 15 अगस्त को टमाटर की फसल के लिए टीपी करते हैं, तो उस समय बारिश साफ हो जाती है। तापमान काफी हद तक नियंत्रित हो जाता है। ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता है। नमी भी एक नियंत्रित स्तर पर आ जाती है क्योंकि नमी आपकी जमीन को गीला कर देती है।

Barsat Mein Tamatar Kab Lagaen
Barsat Mein Tamatar Kab Lagaen

वातावरण पूरी तरह से नम हो जाता है, इसलिए आपकी नमी नियंत्रित हो जाती है। मौसम में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता है और फसल छोटी रह जाती है। जब आपकी फसल फूलने की अवस्था में होती है, तो तापमान आपके नियंत्रण में होता है। एक स्तर मान लेते हैं, न बहुत कम और न बहुत ज्यादा। तो वो समय हमारा है.

आपको उस समय से हिसाब लगाना होगा जब आपके यहाँ 15 अगस्त के आस-पास मानसून आता है, मान लीजिए आपके यहाँ आज मानसून आया है. उसके बाद आप 20 से 25 दिन बाद नर्सरी डालते हैं और 20 से 25 दिन बाद आप टीपी करते हैं, तो वो आपके इलाके के हिसाब से सही समय होगा. हम सही समय इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अगर हम उस समय रोपाई करते हैं तो हमारी फसल पर जोर नहीं पड़ता. हमारा उत्पादन अच्छा होता है.

हमें बीमारियों को ज्यादा कंट्रोल करने की जरूरत नहीं पड़ती. मौसम खुद कंट्रोल कर लेता है. वैसे अगर नियमित बारिश होती है तो फसल को नुकसान नहीं होता. नुकसान तब होता है जब कभी धूप निकल आती है. तुरंत बारिश होती है. फिर धूप निकलती है. कभी ठंड हो जाती है तो कभी गर्मी हो जाती है. ये स्थिति टमाटर की हो या दूसरी फसलों की, सबसे खतरनाक स्थिति होती है. इसलिए हमें सही समय चुनना चाहिए.

सही समय का मतलब है कि तापमान न तो बहुत नीचे जाएगा और न ही बहुत ऊपर जाएगा. जब एक लेवल की स्थिति बनती है तो उस समय को सही समय कहते हैं.

अब सही समय पर बोवनी करने के कुछ फायदे और कुछ नुकसान हैं। अगर फायदे देखें तो हमें अपनी फसल पर ज्यादा दवाई का छिड़काव नहीं करना पड़ता क्योंकि बीमारियां उतनी नहीं आती हैं, दूसरा वो नियंत्रण में रहती हैं। अगर आप दवाई का छिड़काव करते हैं तो आपको उसके रेट भी मिलते हैं। ठीक है लेकिन इसके नुकसान ये हैं कि आपकी फसल की कटाई अच्छी होती है लेकिन कई बार ऐसा देखा जाता है कि उस समय हमें उतना रेट नहीं मिलता है।

ये हमारे लिए थोड़ी सी कमी है लेकिन होता ये है कि आपका रेट थोड़ा कम हो सकता है। और अगर आपका उत्पादन बढ़ता है तो मुनाफा का लेवल आ जाता है। दूसरा आपकी लागत कम होती है तो ये हुआ सही समय का फायदा।

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