छत्तीसगढ़ Krishak Unnati Yojana: रेगहा-अधिया किसान भी होंगे लाभान्वित!

छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने Krishak Unnati Yojana में बड़ा बदलाव किया है। अब रेगहा-अधिया खेती करने वाले किसानों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। जानिए इस योजना के फायदे, पात्रता, और कैसे यह किसानों की जिंदगी बदल रही है।

Krishak Unnati Yojana किसानों के लिए नई उम्मीद

छत्तीसगढ़, जिसे धान का कटोरा कहा जाता है, यहाँ के किसान अपनी मेहनत और लगन के लिए जाने जाते हैं। लेकिन कई बार पैसे की तंगी, संसाधनों की कमी, और सरकारी योजनाओं तक पहुँच न होने की वजह से उनकी मेहनत का पूरा फल नहीं मिल पाता। ऐसे में छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में एक अहम फैसला लिया गया, जिसके तहत अब रेगहा-अधिया (बटाई) खेती करने वाले किसानों को भी कृषक उन्नति योजना का लाभ मिलेगा।

ये खबर उन लाखों किसानों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं, जो दूसरों की जमीन पर खेती करते हैं और अब तक सरकारी योजनाओं से वंचित थे। इस लेख में हम इस योजना को आसान और बोलचाल की हिंदी में समझाएंगे। हम बताएंगे कि ये योजना क्या है, इसका मकसद क्या है, कौन इसका लाभ ले सकता है, और ये छत्तीसगढ़ के किसानों की जिंदगी में कैसे बदलाव लाएगी।

कृषक उन्नति योजना क्या है?

छत्तीसगढ़ में किसानों की जिंदगी को बेहतर बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर करने के लिए कृषक उन्नति योजना शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य मकसद है कि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिले और वे आधुनिक खेती की तकनीकों को अपनाकर अपनी कमाई बढ़ा सकें।

इस योजना के तहत सरकार कई तरह की मदद देती है, जैसे:

  • धान की खरीदी: सरकार सहकारी समितियों और छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड के जरिए किसानों से धान और धान के बीज खरीदती है।
  • आदान सहायता राशि: खेती के लिए जरूरी चीजें जैसे बीज, खाद, कीटनाशक, और यंत्र खरीदने के लिए आर्थिक मदद दी जाती है।
  • आधुनिक तकनीक को बढ़ावा: किसानों को नए कृषि यंत्र, ड्रिप इरिगेशन, और जैविक खेती जैसी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

इस योजना का लक्ष्य है कि किसान सिर्फ खेती पर निर्भर न रहें, बल्कि अच्छा दाम और नई तकनीकों के जरिए अपनी जिंदगी को और बेहतर बना सकें। ये योजना न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाने में मदद करती है, बल्कि छत्तीसगढ़ की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करती है।

रेगहा-अधिया किसान कौन हैं?

रेगहा-अधिया किसानों को समझने के लिए पहले ये जानना जरूरी है कि बटाई खेती क्या होती है। आसान शब्दों में, रेगहा-अधिया या बटाई खेती वो होती है, जिसमें किसान अपनी जमीन पर नहीं, बल्कि किसी और की जमीन पर खेती करता है। ये जमीन किराए पर ली जा सकती है या फिर बटाई के आधार पर, यानी फसल का कुछ हिस्सा (जैसे आधा या तिहाई) जमीन के मालिक को देना पड़ता है। बाकी फसल किसान अपने पास रखता है।

छत्तीसगढ़ में ऐसे किसानों की तादाद बहुत है। ये लोग उतनी ही मेहनत करते हैं, जितना कोई अपनी जमीन पर खेती करने वाला किसान, लेकिन कई बार इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता क्योंकि जमीन इनके नाम पर नहीं होती। इस वजह से ये किसान आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी से जूझते रहते हैं। लेकिन अब विष्णुदेव साय सरकार ने इस समस्या को समझा और इन किसानों को भी मुख्यधारा में लाने का फैसला किया है।

कैबिनेट का बड़ा फैसला: रेगहा-अधिया किसानों को भी लाभ

हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार ने कृषक उन्नति योजना/Krishak Unnati Yojana के नियमों में बदलाव किया। अब इस योजना का लाभ उन सभी किसानों को मिलेगा, जिनसे खरीफ मौसम में सहकारी समितियों या छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड के जरिए धान या धान का बीज खरीदा गया है।

इसका मतलब है कि अगर आप रेगहा-अधिया पर खेती करते हैं और आपने अपनी फसल इन संस्थानों को बेची है, तो आप भी इस योजना के तहत आदान सहायता राशि पा सकते हैं। ये राशि आप खेती के लिए जरूरी चीजें, जैसे अच्छे बीज, खाद, या छोटे-मोटे यंत्र खरीदने में इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस फैसले से लाखों किसानों को सीधा फायदा होगा। खासकर उन किसानों को, जो अब तक ये सोचकर निराश थे कि सरकारी योजनाएँ सिर्फ जमीन के मालिकों के लिए हैं। अब चाहे आप अपनी जमीन पर खेती करें या बटाई पर, अगर आपने अपनी फसल सरकार को बेची है, तो आप इस योजना के पात्र हैं।

इस फैसले का महत्व

छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी राज्य की अर्थव्यवस्था का रीढ़ है। यहाँ की ज्यादातर आबादी खेती से जुड़ी है, और धान यहाँ की सबसे बड़ी फसल है। लेकिन छोटे और सीमांत किसान, खासकर रेगहा-अधिया किसान, कई तरह की मुश्किलों का सामना करते हैं, जैसे:

  • कम कमाई: बटाई खेती में फसल का बड़ा हिस्सा जमीन के मालिक को देना पड़ता है, जिससे किसान की कमाई कम हो जाती है।
  • संसाधनों की कमी: अच्छे बीज, खाद, और आधुनिक यंत्र खरीदने के लिए पैसे नहीं होते।
  • योजनाओं से वंचित: कई बार सरकारी योजनाएँ सिर्फ जमीन के मालिकों तक सीमित रहती हैं, जिससे बटाई किसान बाहर रह जाते हैं।

ऐसे में सरकार का ये फैसला रेगहा-अधिया किसानों के लिए एक नई शुरुआत है। अब वे भी सरकारी मदद का फायदा उठाकर अपनी खेती को बेहतर कर सकेंगे। इससे न सिर्फ उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि पूरे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। ये फैसला समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो ये सुनिश्चित करता है कि कोई भी किसान सरकारी मदद से वंचित न रहे।

कृषक उन्नति योजना के फायदे

कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को कई तरह के फायदे मिलते हैं। आइए, इन फायदों को विस्तार से समझते हैं:

  1. फसल का सही दाम

इस योजना के तहत सरकार सहकारी समितियों के जरिए किसानों से धान खरीदती है। इससे किसानों को अपनी फसल का अच्छा दाम मिलता है, और उन्हें बिचौलियों या स्थानीय व्यापारियों के चक्कर में नहीं पड़ना रेगहा-अधिया किसानों के लिए ये बहुत बड़ा फायदा है, क्योंकि अब उनकी मेहनत का पूरा फल उन्हें मिलेगा।

  1. आर्थिक मदद

योजना के तहत किसानों को आदान सहायता राशि दी जाती है। इस राशि का इस्तेमाल वे अच्छे बीज, खाद, कीटनाशक, और छोटे-मोटे यंत्र खरीदने के लिए कर सकते हैं। इससे उनकी खेती की लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है। ये मदद खासकर उन किसानों के लिए जरूरी है, जो आर्थिक तंगी की वजह से अच्छे संसाधन नहीं खरीद पाते।

  1. आधुनिक खेती को बढ़ावा

इस योजना का एक बड़ा लक्ष्य है कि किसान पुराने तरीकों से हटकर आधुनिक खेती की तकनीकों को अपनाएँ। इसके लिए सरकार कई तरह की मदद देती है, जैसे:

कृषि यंत्रों पर सब्सिडी: ट्रैक्टर, थ्रेशर, और ड्रिप इरिगेशन जैसे यंत्र खरीदने के लिए आर्थिक सहायता।

जैविक खेती को प्रोत्साहन: रासायनिक खाद और कीटनाशकों की जगह जैविक खाद और प्राकृतिक कीट नियंत्रण के तरीकों को बढ़ावा।

  1. किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाना

जब किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिलता है, आर्थिक मदद मिलती है, और नई तकनीकों का ज्ञान होता है, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। वे खेती को सिर्फ मजबूरी नहीं, बल्कि एक सम्मानजनक और मुनाफे वाला पेशा मानने लगते हैं। ये योजना न सिर्फ उनकी जेब भरती है, बल्कि उनके मन में भी नई उम्मीद जगाती है।

इस प्रकार छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार का कृषक उन्नति योजना में रेगहा-अधिया किसानों को शामिल करने का फैसला एक ऐतिहासिक कदम है। ये फैसला न सिर्फ लाखों किसानों की जिंदगी में बदलाव लाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। इस योजना के जरिए किसानों को न सिर्फ आर्थिक मदद मिल रही है, बल्कि उन्हें आधुनिक खेती की तकनीकों का ज्ञान और आत्मविश्वास भी मिल रहा है।

अगर आप छत्तीसगढ़ में खेती करते हैं, चाहे अपनी जमीन पर हों या बटाई पर, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएँ। अपने नजदीकी सहकारी समिति से संपर्क करें, रजिस्टर करें, और अपनी खेती को नई दिशा दें। ये योजना सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि किसानों के सपनों को हकीकत में बदलने का एक मौका है।

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