Drone Technology : कृषि में कम लागत में अधिक उत्पादन के लिए वरदान !

Drone Technology किसानों को उनकी फसलों की निगरानी करने, उर्वरकों और कीटनाशकों का छिड़काव करने और सटीक डेटा एकत्र करने में मदद कर सकती है। इससे किसानों को Farming में लागत कम करने और उत्पादन बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

Drone Technology
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आजकल जलवायु परिवर्तन और खेती की बदलती परिस्थितियों के कारण किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में, कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल जरूरी हो गया है। इन तकनीकों में से एक है ड्रोन का उपयोग। ड्रोन की मदद से खेतों में खाद, कीटनाशक और दवाओं का छिड़काव आसानी से किया जा सकता है। यह न केवल समय बचाता है बल्कि लागत को भी कम करता है।

ड्रोन क्या है और यह कैसे काम करता है?

ड्रोन एक छोटा हवाई यान है जिसे रिमोट से नियंत्रित किया जाता है। यह क्वाडकॉप्टर होता है, यानी इसमें चार रोटार लगे होते हैं जो इसे उड़ाने में मदद करते हैं। ड्रोन में जीपीएस सिस्टम लगा होता है, जिसकी मदद से इसके उड़ने का रास्ता पहले से तय किया जा सकता है। इसके अलावा, कुछ ड्रोन में कैमरे भी लगे होते हैं, जिससे पायलट को यह पता चलता है कि Drone कहां उड़ रहा है।

Drone Technology
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ड्रोन को नियंत्रित करने के लिए एक रिमोट का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें जॉयस्टिक लगा होता है। इस जॉयस्टिक की मदद से ड्रोन के रोटार की गति को नियंत्रित किया जाता है। ड्रोन में लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है, जो इसे लंबे समय तक उड़ाने की क्षमता प्रदान करती है।

ड्रोन की क्षमता और उसका उपयोग :-

ड्रोन का उपयोग खेती में खाद, कीटनाशक और दवाओं के छिड़काव के लिए किया जाता है। यह बहुत ही कम समय में बड़े खेतों में छिड़काव कर सकता है। उदाहरण के लिए, एक ड्रोन मात्र 15 मिनट में एक एकड़ भूमि पर छिड़काव कर सकता है। इससे किसानों को समय और मेहनत दोनों की बचत होती है।

ड्रोन अलग-अलग वजन उठाने की क्षमता रखते हैं। कुछ ड्रोन 250 ग्राम से लेकर 150 किलोग्राम तक का वजन उठा सकते हैं। इसके अलावा, ड्रोन में तरल और दानेदार सामग्री के लिए अलग-अलग टैंक लगे होते हैं। उदाहरण के लिए, टी-10 ड्रोन में 10 लीटर तरल और 3 गैलन दानेदार सामग्री ले जाने की क्षमता होती है। वहीं, टी-20 ड्रोन 20 लीटर तरल और 5.2 गैलन दानेदार सामग्री ले जा सकता है।

ड्रोन की उड़ान क्षमता और छिड़काव की गति –

ड्रोन की उड़ान क्षमता उसकी कीमत और मॉडल पर निर्भर करती है। सस्ते ड्रोन की उड़ान रेंज 40-50 मीटर तक होती है, जबकि अच्छे ड्रोन 2 किलोमीटर तक उड़ सकते हैं। छिड़काव की गति के मामले में, एक ड्रोन 6 से 10 मिनट में एक एकड़ भूमि पर छिड़काव कर सकता है। कुछ उन्नत ड्रोन, जैसे एग्रास टी-30, एक घंटे में 40 एकड़ तक छिड़काव कर सकते हैं।

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ड्रोन के फायदे –

  1. समय की बचत: ड्रोन की मदद से कम समय में बड़े खेतों में छिड़काव किया जा सकता है।
  2. लागत में कमी: ड्रोन का उपयोग करने से मजदूरी और ईंधन की लागत कम हो जाती है।
  3. सटीकता: ड्रोन में जीपीएस सिस्टम लगा होता है, जिससे छिड़काव बहुत ही सटीक तरीके से किया जा सकता है।
  4. सुरक्षा: ड्रोन की मदद से कीटनाशकों के छिड़काव के दौरान किसानों को सीधे संपर्क में आने से बचाया जा सकता है।

ड्रोन के प्रकार-

ड्रोन अलग-अलग क्षमताओं और आकार के होते हैं। कुछ ड्रोन बहुत हल्के होते हैं और केवल 250 ग्राम वजन उठा सकते हैं, जबकि कुछ ड्रोन 150 किलोग्राम तक का वजन उठाने में सक्षम होते हैं। उदाहरण के लिए, जिनो मिनी ड्रोन 3,000 एमएएच बैटरी से लैस होता है और यह 40 मिनट तक उड़ान भर सकता है।

ड्रोन का उपयोग करने के लिए जरूरी बातें –

  1. प्रशिक्षण: ड्रोन को उड़ाने के लिए किसानों को प्रशिक्षण की जरूरत होती है।
  2. बैटरी चार्जिंग: ड्रोन की बैटरी को नियमित रूप से चार्ज करना जरूरी होता है।
  3. रखरखाव: ड्रोन को सही तरीके से संभालकर रखना जरूरी है ताकि यह लंबे समय तक चल सके।

जलवायु परिवर्तन और खेती की बदलती परिस्थितियों के बीच ड्रोन का उपयोग किसानों के लिए एक बड़ी मदद साबित हो सकता है। यह न केवल समय और लागत बचाता है बल्कि खेती को और भी अधिक प्रभावी बनाता है। अगर आप भी किसान हैं और कम लागत में अधिक उत्पादन चाहते हैं, तो ड्रोन का इस्तेमाल करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

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