Farmer Registry : किसानों के लिए एक नई पहचान

Farmer Registry किसानों के लिए एक नई पहचान बनाने का अभियान है, जिससे किसानों (farmers) को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मददगार साबित होगी।

प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के तहत, एग्रीस्टेक परियोजना के माध्यम से पूरे देश में किसानों के हित में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से नवाचार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य भी इस परियोजना में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। इस लेख में, हम छत्तीसगढ़ में किसान रजिस्ट्री (Farmer Registry) अभियान के संचालन, उद्देश्यों और संभावित प्रभावों का विश्लेषण करेंगे।

Farmer Registry
Farmer Registry

वैसे आपको बता दे एग्रीस्टेक परियोजना के तीन भाग है ,जो इस प्रकार है –

  1. डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS
  2. गांव का जियो रिफ्रेंसिंग सर्वेक्षण नक्शा
  3. राजस्व संबंधित अधिकार अभिलेख (RoR)

छत्तीसगढ़ में एग्रीस्टेक परियोजना की प्रगति-

अब बात करते है ,छत्तीसगढ़ में एग्रीस्टेक परियोजना की प्रगति के बारे में –

  • वैसे छत्तीसगढ़ राज्य में एग्रीस्टेक परियोजना के अंतर्गत 20551 गांवों में से 10243 गांवों का जियो रिफ्रेसिंग सर्वेक्षण नक्शा पायलट प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया जा चूका है।
  • डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) 33 जिलों में से 03 सम्पूर्ण जिले एवं शेष 16 जिलों के एक-एक चयनित तहसील में किया जा रहा है।

एग्रीस्टेक परियोजना का अगला चरण

अब एग्रीस्टेक परियोजना के अंतर्गत अगले चरण के रूप में सभी कृषि भूमिधारक का कृषि भूमि पहचान पत्र (Farm Land ID) एवं कृषि भूमिधारक का पहचान पत्र (Farmer ID) का निर्माण किया जाना है।

Farmer Registry
Farmer Registry

छत्तीसगढ़ में कृषि भूमि और किसानों का विवरण

  • छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 20551 ग्राम में से 20242 राजस्व ग्राम घोषित है।
  • जिसमे से 19681 गांवों में कृषि भूमि उपलब्ध है।
  • राज्य में कुल 2,48,21,641 खसरा में से 2,18,99,199 खसरा कृषि भूमि से संबंधित है।
  • राज्य में कुल कृषि भूमि खसरा 2,18,99,199 है, जो 1,07,37,275 कृषि भूमिधारक के पास है।

कृषक पंजीयन: एक महत्वपूर्ण पहल

कृषक पंजीयन डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य देश भर के कृषि भूमिस्वामी की एक व्यापक और एकीकृत पंजीयन बनाना है। यह पंजीयन यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि सरकारी योजनाएँ और लाभ सही लाभार्थियों तक कुशलतापूर्वक पहुँचे।

कृषक पंजीयन के लाभ

  • केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ
  • केन्द्रीय सरकार प्रणाली का लाभ
  • राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ
  • राज्य सरकार की प्रणाली का लाभ

कृषक पंजीयन कौन करेगा

  • स्वयं किसान द्वारा (मोबाईल एप्प के माध्यम से)
  • स्थानीय युवा द्वारा (मोबाईल एप्प के माध्यम से)
  • CSC (Common Service Center) के माध्यम से
  • पटवारी द्वारा (वेब साईट के माध्यम से)

कृषक पंजीयन के लिये आवश्यक दस्तावेज

  1. कृषि भूमिस्वामी होने संबंधित दस्तावेज (बी-1, खसरा, ऋण पुस्तिका)
  2. आधार कार्ड
  3. मोबाईल

कृषक पंजीयन आई डी की आवश्यकता क्यों है ?

  • कार्यात्मक (Functional) आई डी के रूप में आधार नंबर के उपयोग पर कानूनी प्रतिबंध है।
  • आधार नंबर से हमारा बैंक खाता भी जुड़ा है, अर्थात् यह एक वित्तीय पता भी है। इसलिये इसका उपयोग अविवेकपूर्ण तरीके से नहीं किया जाना चाहिए।
  • किसान आई डी, स्वास्थय आई डी, शिक्षा आई डी, इत्यादि कार्यात्मक (Functional) आई डी या डोमेन आई डी आधार नंबर का उपयोग करके बनायी जाती है, लेकिन आधार नंबर स्वयं डोमेन आई डी के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है।

Farmer Registry के लिये आवश्यक डेटाबेस प्राप्ति के विभाग

  1. मार्कफेड
  2. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS)
  3. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PMKISAN)
  4. वन अधिकार पत्र (FRA)
  5. तेन्दु पत्ता वितरण सूची
  6. आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड

कृषक पंजीयन की अनिवार्य विशेषताएं

  • कृषक पंजीयन में सभी कृषि भूमि का विवरण भू-अभिलेख के अनुसार सुनिश्चित किया जायेगा।
  • कृषक पंजीयन में मृतक भूस्वामी के स्थान पर वारिसान भूस्वामी का नाम दर्ज करने की सुविधा होगी।
  • कृषक पंजीयन में प्रत्येक भूखण्ड एक या एक से अधिक भूधारक के नाम दर्ज होगा।
  • कृषक पंजीयन में प्रत्येक भूस्वामी का आधार नंबर प्रविष्टि होगा।
  • कृषक पंजीयन में भूमि के खरीदी बिकी, उत्तराधिकार या बंटवारा के माध्यम से भू-अभिलेख दुरूस्त किये जाने पर स्वतः अद्यतन होगा।
  • कृषक पंजीयन में भूमिस्वामी का हिस्सा राजस्व अभिलेख के अनुसार होगा।
Farmer Registry
Farmer Registry

कृषक पंजीयन भू-अभिलेख से कैसे भिन्न है

  • कृषक पंजीयन में न केवल कृषि भूमिस्वामी बल्कि पशुपालक, मत्स्यपालक भी शामिल होगे।
  • कृषक पंजीयन में मृतक कृषि भूनिस्वामी का नाम नहीं होगा अपितु उनके वारिसान का नाम होगा।
  • कृषक पंजीयन में भू-अभिलेख के तरह संयुक्त भूमिस्वामी नहीं होगे बाल्कि लाभके विवरण के लिये प्रत्येक भूमिस्वामी के पास हिस्सा होगा।
  • कृषक पंजीयन में भू-अभिलेख अद्यतन किये जाने हेतु त्वरित व्यवस्था होगी जबकि राजस्व में भू-अभिलेख अद्यतन किये जाने में विलंब होता है।
  • कृषक पंजीयन में प्रत्येक कृषि भूमि स्वामी का आधार नंबर प्रविष्टि होगा।
  • कृषक पंजीयन में कृषि भूमिस्वामी की जाति, वर्ग, आय, परिवार, मृत्य पंजीयन आदि के संबंध में भी लिंक होगे।
  • कृषक पंजीयन में मोबाईल नंबर, पैन नंबर, जैसे अन्य जानकारी प्राप्त करने की सुविधा है।
  • कृषक पंजीयन में कृषि भूमिधारकों को प्राप्त होने वाले लाभ तथा भूमि से प्राप्त होने लाभ के बारे में भी जानकारी होगी।
  • कृषक पंजीयन किसी भी कृषि भूमिस्वामी को कोई कानूनी अधिकार नहीं देता है।
  • कृषक पंजीयन उपरोक्त समस्त डेटा को एग्रीस्टेक सहमति प्रबंधक (ACM) के माध्यम से कृषक द्वारा प्रदान की गई स्पष्ट सहमति के बाद ही दूसरे आवश्यक हितधारकों के साथ साझा किया जावेगा।

कृषक पंजीयन क्यों गतिशील (Dynamic) है

  • कृषक पंजीयन यह सुनिश्चित करता है कि केवल उन्ही कृषि भूमिस्वामी को धारित भूमि का लाभ प्राप्त हो जो प्रचलित योजना समय भूमिस्वामी है।
  • कृषक पंजीयन द्वारा केवल वर्तमान भूमिस्वामी ही अपनी कृषि भूमि पर लाभ प्राप्त करने के लिये किसी अन्य को अधिकृत करने में सक्षम होगा।
  • कृषक पंजीयन में मृतक कृषि भूमिस्वामी का नाम हटा दिया जायेगा और उसके स्थान पर वारिसान का नाम आ जायेगा ताकि वर्तमान भूमिस्वामी को उक्त संबंधित योजना का लाभ मिल सके।

कृषक पंजीयन के लिये जिला स्तर पर संस्थागत संरचना

  1. District Digital Agriculture Cells (DDACs)
  2. Block-level Implementation Teams (BITs)
  3. Village Level – Farmer Advisory Groups (FAGs)

कृषक पंजीयन CSC ऑपरेटर द्वारा

  1. CSC ऑपरेटर ग्राम पंचायत स्तर पर अपने कम्प्यूटर / लैपटाप / टेबलेट पर वेब पोर्टल को खोलेगा और CSC लॉगिन पर क्लिक करेंगा।
  2. आधार e-KYC के लिये S.S.O. (सिंगल साइन ऑन) लॉगिन के लिये अपना विवरण (Credential) दर्ज करेगा।
  3. कृषि भूमिस्वामी का आधार नंबर / मोबाईल नंबर दर्ज करेगा।
  4. भूमि बकेट (Land Bucket Claim) दावा के लिये कृषि भूमिस्वामी पंजीयन फॉर्म में विवरण दर्ज करेगा।
  5. स्क्रीन पर दिखाई देने वाले चेक बाक्स का चयन कर सही भूमि का दावा करेगा।
  6. यदि भूमि स्क्रीन पर दिखाई नहीं देता है।

कृषक पंजीयन (Farmer Registry) CSC ऑपरेटर के लिये मूलभूत तथ्य

  1. CSC ऑपरेटर को कृषक पंजीयन के कार्य को कुशलता पूर्वक करने के लिये अच्छी तरह से प्रशिक्षण देना होगा।
  2. CSC ऑपरेटर को कृषक पंजीयन पूरा होने तक सिंगल साईन ऑन (S.S.O.) के लिये अपने CSC लॉगिन Credential का उपयोग करना होगा।
  3. CSC ऑपरेटर को कृषक पंजीयन के लिये फॉर्म में जानकारी स्थानीय भाषा में दर्ज करने के लिये अनुवाद टूल की आवश्यकता होगी।
  4. CSC ऑपरेटर को कृषक पंजीयन के लिये सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता और महत्व को स्पष्ट रूप से समझना होगा।
  5. CSC ऑपरेटर को कृषक पंजीयन के उद्देश्य और इसके लाभ के बारे में स्पष्ट रूप से बताना होगा।
  6. CSC ऑपरेटर को कृषक पंजीयन के लिये OTP का सत्यापन, भू-अभिलेख की जांच, आधार नंबर, मोबाईल नंबर, की प्रविष्टि सावधानी पूर्वक करनी होगी।
  7. CSC ऑपरेटर को कृषक पंजीयन के लिये तकनीकी मार्गदर्शन की आवश्यकता होने पर हेल्पडेस्क से तत्काल संपर्क करना होगा।

कृषक पंजीयन (Farmer Registry) के लिये सत्यापनकर्ता (पटवारी)

  • CSC ऑपरेटर द्वारा किये गये कृषक पंजीयन के लिये सत्यापनकर्ता के रूप में हल्का पटवारी को नियुक्त किया जाना है।
  • हल्का पटवारी उन सभी कृषकों का सत्यापन करेगे जिनका नाम राजस्व रिकार्ड (भू-अभिलेख) एवं आधार कार्ड के आधार पर समानता (Match) स्कोर 80 प्रतिशत से कम हो।
  • हल्का पटवारी पंजीयन से जुड़े सभी दस्तावेज और आधार कार्ड नंबर की जानकारी की जांच कर यह पुष्टि करेगे की उपरोक्त दर्ज कि गई जानकारी सही है।

यह भी पढ़े :- प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना से 1 करोड़ घर पर सौर्य छत बनाने का लक्ष्य !

This Post Has One Comment

प्रातिक्रिया दे