Fertilizer Inspection : सयुक्त संचालक कृषि द्वारा कृषि केन्द्रो और फसल प्रदर्शन का निरीक्षण किया गया।

Fertilizer Inspection & Paddy Demonstration in Hindi: 19 जुलाई 2025 को छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के विकासखंड पाली में कृषि विभाग की एक संयुक्त टीम ने उर्वरक निरीक्षण , विशेषकर डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) खाद की संभावित कालाबाजारी को रोकने के लिए आकस्मिक निरीक्षण किया। इसके साथ ही, आधुनिक धान रोपाई तकनीक को बढ़ावा देने के लिए पैडी ट्रांसप्लांटर का प्रदर्शन भी किया गया।

Fertilizer Inspection
Fertilizer Inspection

यह पहल किसानों को उन्नत तकनीकों से जोड़ने और उर्वरकों के दुरुपयोग को रोकने के लिए की गई। इस निरीक्षण और प्रदर्शन में बिलासपुर और कोरबा के वरिष्ठ कृषि अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

उर्वरक निरीक्षण (Fertilizer Inspection) का उद्देश्य:-

पाली और आसपास के क्षेत्रों में संभावित उर्वरकों की कालाबाजारी को ध्यान में रखते हुए निरीक्षण किया गया। डीएपी खाद, जो फसलों के लिए जरूरी फॉस्फोरस और नाइट्रोजन प्रदान करता है, की कमी और अधिक कीमत पर बिक्री की खबरें थीं। इसे देखते हुए संयुक्त संचालक कृषि, बिलासपुर और उप संचालक कृषि, कोरबा ने मिलकर एक विशेष निरीक्षण अभियान चलाया।

इसका मकसद था कि उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो, उनकी बिक्री पारदर्शी हो, और किसानों को उचित मूल्य पर खाद मिले। साथ ही, आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देना भी इस अभियान का हिस्सा था।

निरीक्षण टीम

निरीक्षण का नेतृत्व संयुक्त संचालक कृषि, बिलासपुर श्री एम.के. चौहान ने किया। उनके साथ उप संचालक कृषि, कोरबा श्री डी.पी.एस. कवर और अन्य अधिकारी शामिल थे। टीम में शामिल प्रमुख सदस्य थे:

Fertilizer Inspection & Paddy Demonstration

बिलासपुर से: श्री बनाफर (सहायक संचालक कृषि, ADA), श्री एस.एस. जगत (कृषि विकास अधिकारी, ADO)।
कोरबा से: श्री एस.एस. कुशवाहा (उर्वरक निरीक्षक, ADO), श्रीमती प्रीति चौहान (ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी), श्रीमती सीमा राय (ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी)।
विकासखंड पाली से: श्री अजय सिंह (प्रभारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, SADO), श्रीमती राजेश्वरी राय (उर्वरक निरीक्षक, ADO), श्री महेश कुमार (ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी)।

यह संयुक्त टीम स्थानीय स्तर पर उर्वरक वितरण की निगरानी और तकनीकी जागरूकता के लिए बनाई गई थी।

निरीक्षण प्रक्रिया:-

टीम ने पाली विकासखंड के तीन प्रमुख कृषि केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया:

छाया कृषि केंद्र, पोंडी
द्वारका प्रसाद जायसवाल कृषि केंद्र, सिल्ली
प्रमोद किराना स्टोर (कृषि केंद्र), निरधी

निरीक्षण के प्रमुख बिंदु :-

श्री एम.के. चौहान ने सभी कृषि केंद्रों को सख्त निर्देश दिए कि:

  • उर्वरकों की उपलब्धता का चार्ट: प्रत्येक केंद्र पर रासायनिक उर्वरकों (जैसे डीएपी, यूरिया, पोटाश) की उपलब्धता और उनके विक्रय मूल्य का चार्ट स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य है। इससे किसानों को पारदर्शिता मिलेगी और कालाबाजारी रुकेगी।
  • पॉस मशीन में प्रविष्टि: उर्वरक बिक्री की हर प्रविष्टि पॉस मशीन में दर्ज होनी चाहिए। यह डिजिटल रिकॉर्ड रखने का एक आधुनिक तरीका है, जो गड़बड़ी को कम करता है।
  • वितरण पंजी: प्रत्येक खरीद पर किसानों के हस्ताक्षर सहित वितरण पंजी में प्रविष्टि अनिवार्य है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि उर्वरक सही किसानों तक पहुंच रहा है।
  • कीटनाशकों की सूची: कीटनाशकों की सूची और उनके उपयोग की जानकारी भी प्रदर्शित होनी चाहिए, ताकि किसान सही उत्पाद का चयन कर सकें।

इन निर्देशों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई। यह कदम उर्वरक वितरण में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया।

डीएपी खाद का महत्व:-

डीएपी खाद (18% नाइट्रोजन और 46% फॉस्फोरस) फसलों की जड़ों के विकास और पौधों की मजबूती के लिए जरूरी है। धान, गेहूं और अन्य फसलों में इसकी मांग अधिक होती है। कालाबाजारी के कारण किसानों को यह खाद या तो मिल नहीं पाती या अधिक कीमत पर खरीदनी पड़ती है। निरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि डीएपी और अन्य उर्वरक सही समय पर और उचित मूल्य पर उपलब्ध हों।

धान रोपाई प्रदर्शन:-

निरीक्षण के बाद, टीम ने ग्राम बापापुती में कृषक श्री रूपेश सिंह पोरते के खेत में पैडी ट्रांसप्लांटर का प्रदर्शन देखा। पैडी ट्रांसप्लांटर एक आधुनिक मशीन है, जो धान की रोपाई को तेज, आसान और कम श्रम-लागत वाला बनाती है। इस मशीन के प्रमुख लाभ हैं:

Fertilizer Inspection & Paddy Demonstration
  • समय की बचत: यह मशीन पारंपरिक रोपाई की तुलना में कई गुना तेजी से काम करती है।
  • कम श्रम: इसमें मजदूरों की जरूरत कम होती है, जिससे लागत घटती है।
  • समान रोपाई: यह पौधों को एकसमान दूरी और गहराई पर रोपता है, जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है।
  • कम पानी की जरूरत: यह तकनीक पानी के उपयोग को भी अनुकूलित करती है।

श्री एम.के. चौहान ने किसानों को इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि यह मशीन छोटे और मध्यम किसानों के लिए भी उपयोगी है, क्योंकि यह समय और लागत दोनों बचाती है। उप संचालक श्री डी.पी.एस. कवर ने किसानों को धान की उन्नत किस्मों, बीज उपचार, और मिट्टी परीक्षण जैसे समसामयिक विषयों पर जानकारी दी।

किसानों के साथ संवाद:-

प्रदर्शन स्थल पर कई स्थानीय किसान उपस्थित थे। अधिकारियों ने उनके साथ बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं। श्री स्वप्निल सिंह, श्री यु.आर. लहरे, और श्री बी.एल. पैकरा (ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी) ने किसानों को तकनीकी सहायता और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। किसानों ने पैडी ट्रांसप्लांटर की कार्यप्रणाली को देखा और इसके लाभों को समझा।

Fertilizer Inspection & Paddy Demonstration

तकनीकी जानकारी और महत्व

पैडी ट्रांसप्लांटर का उपयोग भारत में धान की खेती को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह मशीन न केवल समय बचाती है, बल्कि फसल की गुणवत्ता और पैदावार को भी बढ़ाती है। इसके साथ ही, उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने के लिए किए गए निरीक्षण से यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को जरूरी संसाधन समय पर और उचित मूल्य पर मिलें। डीएपी जैसे उर्वरकों का सही उपयोग मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और फसल उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।

यह निरीक्षण और प्रदर्शन अभियान पाली के किसानों के लिए एक महत्त्वपूर्ण है।। एक ओर जहां उर्वरकों की कालाबाजारी पर लगाम लगाने की कोशिश की गई, वहीं दूसरी ओर किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ा गया। श्री एम.के. चौहान और श्री डी.पी.एस. कवर के नेतृत्व में कृषि विभाग की इस सक्रियता से किसानों में जागरूकता बढ़ी और उन्हें बेहतर खेती के लिए प्रेरित किया गया। भविष्य में भी ऐसे अभियानों की जरूरत है, ताकि किसान आत्मनिर्भर बनें और खेती को लाभकारी बनाया जा सके।

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