Hari Khad: Mitti ko Upjaau banane ka sasta aur natural method|मिट्टी को उपजाऊ बनाने का सस्ता और प्राकृतिक तरीका हरी खाद का उपयोग है!

Hari Khad Mitti ko punah banane ka sasta aur natural method : जानिए हरी खाद क्या है, कैसे बनाएं और इसके फायदे। सनई, ढेंचा जैसी फसलों से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं, रासायनिक खादों पर निर्भरता कम करें। जानिए इस पोस्ट में पूरी जानकारी –


हरी खाद क्या है?

हरी खाद एक प्राकृतिक तरीका है जिसमें हरे पौधों (जैसे सनई, ढेंचा) को खेत में जोतकर मिट्टी में मिला दिया जाता है। ये पौधे सड़कर मिट्टी को नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्व देते हैं, जिससे फसल अच्छी होती है।

Use of green manure to make the soil fertile!
Use of green manure to make the soil fertile!

हरी खाद के लिए सबसे अच्छी फसलें:

सनई – तेजी से बढ़ती है, ज्यादा हरा पदार्थ देती है।
ढेंचा – पानी में भी अच्छी तरह बढ़ती है।
मूंग/उड़द/लोबिया – दलहनी फसलें, जो नाइट्रोजन बढ़ाती हैं।


हरी खाद कैसे बनाएं? – पूरी प्रक्रिया

1. बुवाई का सही समय (जून-जुलाई)

  • खरीफ की फसल (धान) से पहले जून के आखिरी हफ्ते से जुलाई के पहले हफ्ते तक बोएं।
  • बीज की मात्रा:
  • सनई: 100 किलो/हेक्टेयर
  • ढेंचा: 25 किलो/हेक्टेयर

2. फसल को कब दबाएं?

  • 7-8 हफ्ते बाद (जब फूल आने लगें)।
  • इस समय पौधे में सबसे ज्यादा हरा पदार्थ होता है।

3. खेत में कैसे मिलाएं?

  1. पहले पाटा लगाकर खेत समतल करें।
  2. फिर मिट्टी पलटने वाले हल से जोतें ताकि पौधे मिट्टी में अच्छी तरह दब जाएं।
  3. अगर मिट्टी सूखी हो तो एक हल्की सिंचाई करें।

Hari Khad Ke fayade-

Use of green manure to make the soil fertile!
Use of green manure to make the soil fertile!

1. मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है

  • सनई से 19 टन हरा पदार्थ और 83 किलो नाइट्रोजन/हेक्टेयर मिलता है।
  • मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ बढ़ते हैं, जिससे फसल अच्छी होती है।

2. रासायनिक खादों की जरूरत कम होती है

  • हरी खाद से 40-80 किलो नाइट्रोजन/हेक्टेयर मिल जाता है, जिससे यूरिया जैसी खादों पर निर्भरता घटती है।

3. खरपतवार कम होते हैं

  • हरी खाद की फसलें तेजी से बढ़ती हैं, जिससे खरपतवारों को सूरज की रोशनी नहीं मिल पाती और वे मर जाते हैं।

4. मिट्टी का कटाव रुकता है

  • हरी खाद की जड़ें मिट्टी को बांधकर रखती हैं, जिससे बारिश में मिट्टी नहीं बहती।

5. क्षारीय मिट्टी को सुधारती है

  • हरी खाद की फसलें pH लेवल को संतुलित करके खारी जमीन को उपजाऊ बनाती हैं।

हरी खाद किसानों के लिए वरदान है। यह सस्ती, प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल है। अगर आप धान या अन्य खरीफ फसलें लेते हैं, तो जून-जुलाई में हरी खाद जरूर लगाएं। इससे न सिर्फ उपज बढ़ेगी, बल्कि लागत भी कम होगी

हरी खाद अपनाएं, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दें! 🌱🚜

Use of green manure to make the soil fertile!
Use of green manure to make the soil fertile!

यह भी पढ़ें :- खरीफ से पहले खेत की तैयारी कैसे करें ?


FAQs:-

Q1. हरी खाद के लिए कौन-सी फसल सबसे अच्छी है?

सनई और ढेंचा सबसे अच्छी हैं क्योंकि ये जल्दी बढ़ती हैं और ज्यादा हरा पदार्थ देती हैं।

Q2. क्या हरी खाद देने के बाद रासायनिक खाद डालनी चाहिए?

अगर मिट्टी कमजोर है तो थोड़ी मात्रा में यूरिया/डीएपी डाल सकते हैं, लेकिन हरी खाद से ज्यादातर जरूरत पूरी हो जाती है।

Q3. हरी खाद की फसल को कितने दिन में दबाना चाहिए?

50-60 दिन (जब फूल आने लगें)। इस समय पौधे में सबसे ज्यादा पोषक तत्व होते हैं।

Q4. क्या गर्मियों में हरी खाद की फसल ली जा सकती है?

हां! गर्मी में खेत खाली रहने पर नाइट्रोजन नष्ट होती है, लेकिन हरी खाद की फसल लेने से यह बच जाती है।


डिस्क्लेमर

इस लेख में दी गई जानकारी कृषि विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार और किसान अनुभवों पर आधारित है। अलग-अलग जगहों पर मिट्टी और मौसम के हिसाब से तरीके बदल सकते हैं। किसी विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही खेती करें|

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