धान बीज उपचार कैसे करें ? How to Seed Treatment?

धान बीज उपचार (seed treatment) हमको किस प्रकार करना चाहिए ? क्या फायदे हैं ? क्या नुकसान भी हो सकते हैं ? कब और कितनी मात्रा पर हमको उपचार करना चाहिए और हमको बीज उपचार (Seed Treatment) करने पर कौन सी सावधानी रखनी चाहिए ? इन बातों को जानने के लिए ब्लॉग पोस्ट को एक बार जरूर पढ़ें। खासकर क्यों धान का बीज उपचार आपको जरुर करना चाहिए ? तो सबसे पहले बात करते हैं बीज उपचार क्या है ?

What is Seed Treatment?

बीजोपचार वह प्रक्रिया है जिसमें बीजों को खेत में बोने से पहले विभिन्न तरीकों से उपचारित किया जाता है। चाहे खरीफ मौसम या रबी मौसम हो बीजोपचार (Seed Treatment) करना आवश्यक है,ताकि बीज व पौधें बीमारियों और कीटों से सुरक्षित रहें, साथ ही मिट्टी में मौजूद हानिकारक सूक्ष्मजीवों से बचाने में मदद करता है। जिससे उनकी अंकुरण क्षमता बढ़े और पौधे स्वस्थ रहे । उचित बीज उपचार न केवल अंकुरण दर और पौधों की वृद्धि को बढ़ाता है, बल्कि यह फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में भी सुधार करता है।

बीजोपचार के उद्देश्य –

बीज जनित रोगों से सुरक्षा: बीजोपचार बीजों को उन रोगों से बचाता है जो बीजों के माध्यम से फैलते हैं, जैसे कि फफूंद जनित रोग, जीवाणु जनित रोग आदि। जिससे बीज से बनने वाला पौधा रोगमुक्त एवं स्वस्थ हो, इसके लिए बीजोपचार आवश्यक है।

How to Seed Treatment
How to Seed Treatment

अंकुरण क्षमता में सुधार: बीजोपचार से बीजों की अंकुरण क्षमता बढ़ती है, जिससे ज्यादा संख्या में पौधे उगते हैं और फसल उत्पादन अच्छी होती है।

कीट और फफूंद से सुरक्षा: बीजोपचार (Seed Treatment) से बीजों को कीटनाशकों और फफूंदनाशकों(fungicides) से उपचारित करके उन्हें कीटों और फफूंद के हमले से बचाया जा सकता है।

पौधों की वृद्धि एवं विकास में सुधार: बीज उपचार द्वारा उगाए गए पौधे स्वस्थ रहते हैं एवं अपनी आवश्यकता के अनुसार वृद्धि करते हैं।

उपज में वृद्धि: बीज उपचार से पौधे स्वस्थ रहते हैं, जिससे पौधों का अनुकूल विकास होता है और फसल की उपज में वृद्धि होती है।

आवश्यक सामाग्री :-

आइये जानते हैं कि हमें किन आवश्यक सामग्रियों की आवश्यकता होगी। अतः किसान भाइयों बीज उपचार के लिए फफूंदनाशक की आवश्यकता होगी, हमें आवश्यकतानुसार पानी की आवश्यकता होगी तथा आप बीज को तिरपाल, चटाई या किसी साफ एवं समतल स्थान पर उपचारित कर सकते हैं। आपको अपने हाथों को ढकने के लिए दस्ताने या पन्नी की आवश्यकता होगी।

बीज चयन की प्रक्रिया :-

वैसे धान बीज उपचार (Seed Treatment) के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना चाहिए।

स्वस्थ बीजों का चयन:-

आप सबसे पहले, उन्नत और रोग प्रतिरोधी किस्मों के स्वस्थ बीजों का चयन करें।साथ ही बीज साफ और सूखा होना चाहिए और कटे-फ़टे बीज नहीं होना चाहिए। बीज में कीटों का संक्रमण नहीं होना चाहिए।

बीजों की छंटाई :-

धान बीजों(Paddy Seeds) को फफूंदनाशक से उपचार करने से पहले हल्के नमक के पानी में डुबोकर छांट लें।जो धान बीज पानी में तैरते हुए दिखाई देते हैं, वे कमजोर होते हैं और इन्हें हटा देना चाहिए।केवल डूबे हुए धान बीज का ही उपयोग करें।

How to Seed Treatment?

अब आप एक क्विंटल बीज को 500 ग्राम शुद्ध फफूंदनाशी (कार्बेन्डाजिम 12% और मैंकोजेब 63% WP) से उपचारित कर सकते हैं या एक किलोग्राम बीज को 5 से 6 ग्राम फफूंदनाशक से उपचारित कर सकते हैं। सबसे पहले बीजों को खोल लें और फिर बीजों को प्लास्टिक धमेला या साफ और सपाट सतह पर फैला दें। या सीड ट्रीटमेंट मशीन में आवश्यकता अनुसार डाल दे।

इसके बाद इसमें थोड़ा पानी डालें या थोड़ा पानी छिड़क कर मिला लें. इसके ऊपर फफूंदनाशी 5 से 6 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से छिड़काव करें। फिर उसके बाद थोड़ा सा पानी छिड़कें और हाथों पर दस्तानों या पन्नी की मदद से बीजों को अच्छी तरह मिला लें। आप इसे कम से कम लगभग 10 से 12 मिनट तक अच्छे से मिलाते रहें और फिर इसे अच्छे से मिला लें। आवश्यकतानुसार पानी छिड़कें और अच्छी तरह मिलाएँ।

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ताकि बीजों पर फफूंदनाशी की परत अच्छे से चढ़ जाए। जब बीजों पर फफूंदनाशक की परत अच्छे से चढ़ जाए तो आपको करना यह है कि बीजों को किसी साफ जगह पर छाया में लगभग आधे घंटे के लिए फैला दें। इसे 30 मिनट तक सुखाना बहुत जरूरी है। फिर आप इसे तैयार खेत में बो दें. तो इससे प्रारंभिक चरण में स्वस्थ अंकुर होंगे और कोई कवक नहीं होगा।

बीजोपचार के कुछ फायदे :-

बीजोपचार किसानों को स्वस्थ और अधिक पैदावार वाली फसलें उगाने में मदद करती है। बीजोपचार बीजों को रोगों, कीटों और मिट्टी में मौजूद हानिकारक सूक्ष्मजीवों से बचाने का बेहतर तरीका है। बीजोपचार के कुछ फायदे इस प्रकार है –

How to Seed Treatment
How to Seed Treatment

(1) रोग नियंत्रण:

बीजोपचार से बीज जनित और मिट्टी जनित रोगों को नियंत्रित करने में मदद करता है। बीजोपचार धान फसल के पौधों को पत्ती धब्बा, ब्लाइट, और जड़ गलन जैसी बीमारियों से बचाता है।

(2) कीट नियंत्रण:

बीजोपचार धान बीजों को कीटों से बचाता है जो अंकुरण और पौधों की शुरूआती बढ़वार के दौरान नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह धान फसल में तना मक्खी, दीमक, और टिड्डियों जैसी कीटों को नियंत्रित करने में मदद करता है।

(3) अंकुरण दर में वृद्धि:

बीजोपचार बीजों के अंकुरण को बढ़ावा देने में मदद करता है। बीजोपचार से प्राप्त स्वस्थ बीज मजबूत पौधे उत्पन्न करते हैं जो अधिक पैदावार देते हैं।

(4) पौधों की वृद्धि में सहायक :

बीजोपचार पौधों को रोगों और कीटों से मुक्त रखकर उनकी वृद्धि और विकास को बढ़ावा देता है।

(5) उत्पादन में वृद्धि:

स्वस्थ धान के पौधे अधिक अनाज पैदा करते हैं, जिससे किसानों को अधिक लाभ होता है

अतःधान बीज का बीजोपचार नहीं करने से कई नुकसान हो सकते हैं और यह कृषकों के लिए आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है। इसलिए किसानों को बीज (seed) बोन से बीजोपचार करने की सलाह दी जाती है। क्योकि बीजोपचार से कीट व्याधि रहित स्वस्थ पौधे उगते है जिससे हमे फसलों से अधिक पैदावार प्राप्त होती है।

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