बरसात में लगाए लौकी की ये 5 किस्में।Hybrid Lauki ki 5 Best Variety |

लौकी की बेस्ट वैरायटी खासकर दोस्तों बरसात के दिनों पर बरसाती लौकी (Lauki)की खेती करने से फायदा काफी अच्छा होता है, इसका कारण है,दोस्तों बरसात के दिनों पर यदि आप अगेती लौकी (Lauki ) खेती करते हैं,तो बाजार भाव अच्छा मिलेगा ,जिससे प्रोफिट काफी अच्छा होगा।

Hybrid Lauki ki 5 Best Variety
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लेकिन लौकी (gourd)की मार्केट में तो सैकड़ों वैरायटी है, इसलिए बरसात के समय सभी प्रकार की जलवायु पर एक अच्छा परफॉर्मेंस देने वाली तीन-चार किस्मों के बारे में इस ब्लॉग पोस्ट में बात करेंगे। जिनको आप लगा कर के काफी बढ़िया पैदावार के साथ-साथ बढ़िया क्वालिटी वाली उपज निकाल सकते हैं।

बरसाती Hybrid lauki ki विशेषता :-

इन बरसाती hybrid lauki की सबसे अच्छी बात यह है कि इन किस्मों में फलन और फ्रूटिंग क्षमता बहुत अच्छी है, यदि बरसात के दिनों पर इन किस्मों को आप लगा रहे हैं, तो थोड़ा सा बरसात में उतार -चढ़ाव मौसम या फिर बहुत ज्यादा मौसम का तनाव से इन किस्मों में उतना ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है।

Hybrid-Lauki-ki-5-Best-Variety
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यह मौसम के हिसाब से सरवाइव करने वाली और यदि थोड़ा ज्यादा भी बरसात होती है, तो इन किस्मों से आप अच्छी पैदावार निकाल सकते हैं। शर्त ये है कि बरसात के दिनों पर नॉर्मल तरीके से खेती ना करके मचान विधि से या मंडप विधि से लौकी की खेती करेंगे दोस्तों तो काफी अच्छा प्रॉफिट आपको होने वाला है।

बरसाती लौकी के लिए मंडप तैयार करना :-

दोस्तों यदि आप बरसाती लौकी (Lauki)की मंडप विधि से खेती करेंगे,तो काफी अच्छा प्रॉफिट आपको होने वाला है।इसलिए बरसाती लौकी की खेती के लिए मंडप (ट्रेलेस) तैयार करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

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यदि आप बांस के मंडप के लिए स्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं, तो इन बातों को जरूर ध्यान रखें –

मंडप के लिए आवश्यक सामग्री :-

बांस या लोहे के पाइप: बांस की ऊंचाई लगभग 10 फीट होनी चाहिए।
रस्सी या तार: मजबूत रस्सी या तार का उपयोग करें।
कंक्रीट: आधार को मजबूत बनाने के लिए।

मंडप तैयार करने की विधि:

  1. स्थान का चयन:- लौकी की खेती (Lauki ki kheti)के लिए मंडप हेतु ऐसी जगह का चयन करें जहां सूर्य की रोशनी पूरी तरह से पहुँच सके।जमीन समतल होनी चाहिए साथ ही पानी की निकासी का अच्छा प्रबंध हो।
  2. बांस या पाइप की तैयारी:- इसके लिए बांस की ऊंचाई लगभग 10 फीट रखें। प्रत्येक बांस के टुकड़े को 2 से 2.5 फीट गहरे गड्ढे में गाड़ें। बांस को गाड़ने से पहले उसकी निचली सतह पर कंक्रीट का लेप लगा दें, जिससे वह मजबूत रहे और टिकाऊ हो।
  3. स्ट्रक्चर का निर्माण:- बांस को गड्ढों में गाड़ने के पश्चात् , उन्हें रस्सी या तार की मदद से जोड़ें।इसके बाद बांस की ऊपरी सतह पर एक दूसरा बांस क्षैतिज रूप में बांधें, जिससे एक मजबूत फ्रेम तैयार हो जाये।ऊपर से एक क्रॉस पैटर्न में रस्सी या तार बांधें ताकि लौकी की बेल आसानी से उसमे फैल सके।
  4. अतिरिक्त मजबूती:-स्ट्रक्चर को अतिरिक्त मजबूती देने के लिए, आप बीच-बीच में लोहे के पाइप या अतिरिक्त बांस के टुकड़े लगा सकते हैं।लौकी के बेलों के भार को सहन करने के लिए स्ट्रक्चर को अधिक मजबूत बनाना आवश्यक है।
  5. बेलों का सहारा:- जब लौकी (lauki)की बेलें बढ़ने लगें, तो उन्हें रस्सी या तार की मदद से मंडप की तरफ रखे,साथ ही बेलों को समय-समय पर सहारा देने के लिए उन्हें बांधते रहें।
Hybrid Lauki ki 5 Best Variety
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Hybrid Lauki की उत्तम किस्में :-

दोस्तों, बरसाती लौकी की 5 उत्तम किस्में, जो बरसात के मौसम में लगाने पर आपको अच्छी लाभ और मुनाफा होगी। इसका कारण है बाजार में इसकी मांग और उचित मूल्य।

यदि आप बरसात के दिनों में लौकी की खेती करना चाहते है ,तो निचे दिए इन पांच किस्मों में चयन कर सकते है ,जो आपके क्षेत्र के लिए उपयुक्त हो।

(1) वीएनआर की हारुना किस्म (F1 वैरायटी):-

वीएनआर हारुना लौकी एक हाइब्रिड किस्म है. यह किस्म आकर्षक फलों के लिए प्रसिद्ध है।इसके पौधा लम्बे समय तक हरा-भरा रहता है। यह लंबी, चिकनी, हरे रंग की बेलनाकार लौकी है।

इसकी फल का आकार 25 से 30 सेंटीमीटर लंबा तथा 6.5 से 7.5 सेंटीमीटर चौड़ा होता है और इसकी वज़न लगभग 700 से 800 ग्राम तक होता है. इसके आकर्षक रंग कारण बाज़ार में अच्छी कीमत मिलती है।इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है।

(2) अनोखी लौकी (Nunhems Anokhi F1) :-

लौकी की बीएसएफ कंपनी की अनोखी किस्म अपने नाम के अनुसार ही, यह एक अद्वितीय किस्म है। इसकी बेलें मज़बूत होती हैं और इनमें ज़्यादा शाखाएं भी निकलती हैं.इनकी शारीरिक शुद्धता कम से कम 98% और आनुवंशिक शुद्धता कम से कम 95% होती है।

इसमें फूलने और फलन क्षमता उच्च होती है। इसकी औसत लंबाई 30 से 35 सेंटीमीटर लगभग होती है.फलों का आकार मध्यम होता है, जो बाजार में आसानी से बिकता है।

(3) वीएनआर की सरिता किस्म :-

वीएनआर सरिता लौकी की फल हरे, लंबे, और समान आकार के होते हैं। इसकी उपज क्षमता अधिक होती है। इसलिए किसान इसे अधिक पसंद करते है। वैसे इसकी पहली तोड़ाई की बात करें ,तो इसकी 60 से 65 दिनों में तुड़ाई कर सकते है।

इसमें वायरस जैसी बीमारियों को सहन करने की क्षमता होती है। इसकी फल का वजन 35 से 40 सेंटीमीटर लंबा और 7 से 9 सेंटीमीटर चौड़ा होता है। इसकी वजन लगभग 1से 1.25 किलोग्राम आसपास होता है।

(4)महीको माही 8 गोल्ड (Mahyco Mahy 8 Gold) :-

महिको कंपनी की माही 8 गोल्ड ((Mahyco Mahy 8 Gold) हाइब्रिड लौकी की उन्नत किस्म है। इसके फल बेलनाकार और चमकीले हरे रंग के होते हैं। इसके फल की लंबाई लगभग 40 से 45 सेंटीमीटर होती है। इसके फल का वजन 600 से 750 ग्राम होता है। यह किस्म 50 से 55 दिन में पककर तैयार हो जाती है।

(5) अनमोल F1 लौकी (बॉटलगोर्ड) :-

अनमोल F1 लौकी, जिसे बॉटलगोर्ड भी कहा जाता है, यह एक उच्च गुणवत्ता वाली हाइब्रिड किस्म की लौकी है।इसे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है। यह किस्म विशेष रूप से बरसात के मौसम में अच्छा उत्पादन देती है।इसके फल मध्यम आकार के होते हैं, जो बाजार में अच्छी कीमत पर बिकते हैं।

सही समय का चुनाव :-

अगर आप बरसाती लौकी की खेती कर रहे हैं, तो सही समय चुनें। आप मई से लेकर जून के आखिर तक इसकी बुआई कर सकते हैं, लेकिन बरसात के मौसम के लिए सही समय जुलाई के आसपास है। वैसे तो आप जुलाई के महीने में भी लौकी की खेती कर सकते हैं।

लेकिन अच्छी कीमत के लिए जून के महीने में लौकी लगाने वाले किसान को भी काफी अच्छा मुनाफा होता है। लौकी एक ऐसी फसल है, जिसमें अगर बुआई के समय ही खाद बेसल डोज के तौर पर दे दी जाए, तो यह बहुत जरूरी है, इसलिए अच्छी ग्रोथ के लिए, अच्छे पोषण प्रबंधन के लिए सही समय पर सही खाद का इस्तेमाल करना होगा।

खाद का इस्तेमाल:-

बरसात वाली लौकी की खेती के लिए एक एकड़ खेत में करीब तीन से चार ट्रॉली गोबर की खाद (जैविक खाद) का इस्तेमाल करना चाहिए। अब रासायनिक खाद की बात करें तो एक एकड़ के लिए 50 किलो से 75 किलो तक सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) पर्याप्त है। इसमें कैल्शियम और सल्फर होता है।

आप 30 से 35 किलो डीएपी खाद, 25 किलो जिप्सम और 2 से 3 किलो कोई भी दानेदार प्रणालीगत कीटनाशक जैसे रीजेंट या फतेरा का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपके खेत में दीमक की समस्या है या जड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी कीट का प्रकोप है तो आपको दानेदार प्रणालीगत कीटनाशक का इस्तेमाल करना चाहिए। आपको इसका इस्तेमाल बुवाई के समय खेत तैयार करते समय करना चाहिए।

कीट और रोग प्रबंधन:

दोस्तों,यदि आप बरसात में लौकी की खेती करते हैं, तो जैसे ही प्लांटेशन किया है या फिर बुवाई की है और जैसे ही पौधा बाहर आता है। तो वाइट ग्रब एक बहुत बड़ी समस्या बन जाती है। यदि हम वाइट ग्रब को समय रहते कंट्रोल नहीं करेंगे, तो पूरे पौधे को खत्म कर सकता है।

लौकी की फसल पर बरसात के दिनों पर एक और समस्या आती है, वो है लाल कद्दू बीटल (रेड पंपकिन वीटल) पौधा जैसे ही जमीन से बाहर आता है इसका प्रकोप प्रारम्भ हो जाता है और पूरी फसल में बना रहता है तो इसके लिए आपको एक काम करना है।

इसको कंट्रोल करना बहुत ज्यादा जरूरी है। वरना ये पौधे को पूरी खत्म करने की ताकत रखता है। तो इसको कंट्रोल करने के लिए आप एक काम कर सकते हैं, जैसे यूपीएल कंपनी की लांसर गोल्ड आती हैजिसमें ऐसफेट 50% + इमिडा 1.8%SP इन दोनों का कॉमिनेशन होने के कारण इसका रिजल्ट अच्छा मिलता है।

Hybrid Lauki ki 5 Best Variety
Hybrid Lauki ki 5 Best Variety

आपको 15 लीटर पानी में मात्र 45 ग्राम दवा ही इस्तेमाल करना है और स्प्रे कर दीजिए। इसके अलावा भी आप स जटा कंपनी की एक तारा 10 ग्राम की दर से स्प्रे कर सकते हैं इसके अलावा प्रोफ़ेक्स सुपर (प्रोफ़ेनोफ़ॉस 40% और साइपरमेथ्रिन 4% ईसी ) कीटनाशक का भी आप स्प्रे कर सकते हैं। इसको 15 लीटर पानी में 25 एमएल दवा की दर से छिड़काव कर सकते हैं। इससे आसानी से कंट्रोल हो जाता है।

धन्यवाद !!

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