दोस्तो हम इस आर्टिकल बात करेंगे एक ऐसी फसल के बारे में जिसको किसान भाई जब चाहे तब बेच सकता है यानि उसका लम्बे समय तक लगभग एक साल तक भंडारण कर सकता है तो वह फसल है,जिमीकंद। Jimikand ki Kheti में बहुत अच्छा मुनाफा है।
यदि आप Jimikand ki Kheti सही समय में करते है ,तो आप 3 लाख प्रति एकड़ की कमाई कर सकते है। तो हम आपको Jimikand ki Kheti के साथ साथ उनके फायदे के बारे में भी जानकारी देंगे। आप लोग जिमीकंद को अपनी भाषा में क्या बोलते हैं कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा।
अब रही बात कि जिमीकंद की खेती होता कहां कहां है तो ये दक्षिण भारत में भी होता है, उत्तर भारत में भी होता है और कुछ हिस्सा ऐसा है जो पूर्वोत्तर भारत का है, वहां भी ये हो जाता है क्योंकि इसे ऐसी मिट्टी की आवश्यकता होती है जिसमें पानी रुके नहीं और मिट्टी हल्की हो, थोड़ी भुरभुरी हो,तो ऐसे मिट्टी में आराम से जिमीकंद की खेती हो जाता है।
खैर दोस्तों अगर आप इसकी खेती करना चाहते हैं तो आप लोग अपने आसपास की किसी भी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में बातचीत कीजिए और इसकी खेती शुरू कर सकते हैं।आईये जानते है Jimikand ki Kheti के बारें में –
उत्तम किस्म :-
तो दोस्तों ,जिमीकंद की खेती के बारे में आगे बढ़ते है, सबसे पहले हम इसकी उत्तम किस्में जानते हैं। Jimikand की उत्तम किस्म में सबसे पहले श्री पद्मा है और दूसरी किस्म गजेंद्र है। ऐसा माना जाता है गजेंद्र बहुत अच्छी किस्म है। लेकिन ये दोनों ही किस्में काफी अच्छी हैं।
बोनी के समय :-
तो दोस्तों जिमीकंद को लगाने के लिए पहले मार्च और अप्रैल महीने के अंदर आपको खेत तैयार करना है। उसके बाद मई और जून महीने के अंदर आपको इनकी बुवाई करनी है।
खेत की तैयारी :-
खेत तैयार करते वक्त आपको दो बातों का ध्यान रखना है। आप अगर ओर्गेनिक ढंग से जिमीकंद की खेती करना चाहते हैं तो आपको 40 क्विंटल गोबर की खाद एक एकड़ में डालनी है और दो क्विंटल नीम खली पाउडर डालना है और उसके बाद में उसके अंदर प्लाऊ चलाना है। प्लाऊ चलाने के बाद उसमें रोटावेटर भी चलना है,ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। खेत को एकदम समतल कर लेना है।
अगर आप इसे केमिकल तरीके से करना चाहते हैं ,तो रासायनिक खाद का कोई परहेज नहीं है। आप जिमीकंद की खेती के लिए रासायनिक खाद के रूप में एक बोरी एनपीके एक एकड़ खेत में छिड़क दीजिए और उसके बाद में आप खेत में रोटावेटर चलाइये और अच्छे से खेत को तैयार कीजिए।
जिमीकंद की बोवाई :-
Jimikand ki Kheti के लिए खेत तैयार करने के बाद, जब मई – जून के महीने में जिमीकंद की बोवाई या लगाना है, तो खेत में मेढ़ बना लेनी है। खेत में मेढ़ लाइन से लाइन बनाइये। मेढ़ की लाइन से लाइन की दूरी आपको साढ़े तीन फीट रखनी है और पौधे से पौधे की दूरी दो फीट रखनी है। यदि इस हिसाब से आप जिमीकंद की बोवाई करते है ,तो आपको एक एकड़ में लगभग 6222 पौधे लगाने होंगे।
अब आपको जिमीकंद लगाते समय एक बात की ओर ध्यान रखना है, जैसे आप खेत में आलू को काट कर लगाते हैं, बिल्कुल वैसे ही जिमीकंद का भी पीस लगाना है। जिस टुकड़ें में आंख होगी वही टुकड़ा लगेगा। इसलिए आप जिमीकंद लगाते समय ध्यान रखेंगे पूरा पीस नहीं लगाएंगे। मतलब आप केवल जिमीकंद से 200 से 250 ग्राम का एक छोटा सा टुकड़ा उसमें से काटेंगे,वो भी आंख वाला और उसको एक पौधे की जगह लगा देंगे। इस तरह से आपको पूरे खेत में जिमीकंद के आँख वाला टुकड़ा को निर्धारित दुरी में लगाना है।
सिंचाई कब करें?
अब रही बात की Jimikand ki Kheti को सिंचाई कितने दिनों से देनी है तो आपको बता दें , जब आप मई जून में इसे लगाएंगे तो उसके बाद बारिश का मौसम शुरू हो जाता है। अगर बारिश होती रहे,तो ऐसे में जिमीकंद पौधा को अगस्त तक पानी की ज्यादा आवश्यकता नहीं है।
और अगर बारिश नहीं होती तो आप केवल मात्र इसकी मेड़ के साइडों में जो नालियां बनाये हैं, इनके अंदर पानी दीजिए। और ध्यान रखे ज्यादा पानी मत दीजिएगा क्योंकि ज्यादा पानी से इसके अंदर फंगस की दिक्कत आ सकती है और इसके अतिरिक्त कोई भी बीमारी इसके अंदर नहीं आती।
जिमीकंद की खुदाई कब करें ?
अब रही बात कि इसके बाद जिमीकंद की खुदाई कब किया जाता है तो वैसे इसकी खुदाई नवंबर के महीने में करना शुरू कर दिया जाता है और इसे दिसंबर – जनवरी में भी आराम के साथ कर सकते है।
जिमीकंद को लम्बे समय तक भण्डारण कैसे करें ?
अगर आप जिमीकंद को और लंबे समय के लिए भंडारण करना चाहते हैं तो आप क्या कीजिए? इसको जमीन में से निकाल लीजिए। इसे एक सुरक्षित जगह पर नीचे पुआल या भूसा की बिछाई कर दीजिये और उसके ऊपर जिमीकंद को रखिए। यानी भूसा बिछाकर उसके ऊपर रख दिया। जिमीकंद का पूरा ढेरी बना दीजिए और उस पर भूसा डाल दीजिए। ये लगभग 8 से 10 महीने तक खराब नहीं होगा। जब भी आपको अच्छा रेट मिले तब आप इसे बेच लीजिए।
Jimikand ki Kheti से आमदनी :-
अब रही बात सबसे जरूरी की इसमें आमदनी कितनी है ?तो यदि आप एक एकड़ के अंदर लगभग 100 क्विंटल उत्पादन लेते है। चूँकि ये कॉफी बड़ा और भारी भारी होते हैं। अब सोच लीजिए कि आलू कितना निकलता है,जबकि ये छोटा सा होता है और इसके तुलना में जिमीकंद इतने भारी भारी होते हैं और बहुत निकलते हैं।
लगभग 100 क्विंटल प्रति एकड़ इसका हो जाता है। यदि थोक का बाजार में इसका मार्किट रेट ₹30 किलो है तो आप ये समझ लीजिए कि आपके पास में 100 क्विंटल है ,तो 3 लाख के करीब का माल हो जाता है। तो अच्छी कमाई है न।
और सबसे अच्छी चीज इसके अंदर ये है कि आप इसे नवंबर से बेचना शुरू कर सकते हैं और मार्च तक बेच सकते हैं। उसके बाद भी अगर आपको लगे कि इस साल भाव कम है अगले साल बेचूंगा तो आप इसे खुले में बिना कोल्ड स्टोर के खेत में रख दीजिए तो भी खराब नहीं होगा और अगले साल भी आप इसे बेच सकते हैं।
यह भी पढ़ें :- अदरक की उन्नत खेती कैसे करें ?