खरीफ फसल से पहले खेत तैयार करने के आसान तरीके जानें। फसल अवशेष प्रबंधन, जल संरक्षण, मृदा सौरीकरण और उन्नत किस्मों के चयन जैसे टिप्स के साथ उत्पादन बढ़ाएं और पर्यावरण बचाएं।
Kharif fasal se pahale khet ki taiyari kaise karen?
दोस्तों, खरीफ की फसल की तैयारी शुरू करने का समय आ गया है। अच्छी पैदावार के लिए खेत की सही तैयारी बहुत जरूरी है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने खेत को खरीफ की फसल के लिए तैयार कर सकते हैं और साथ ही मिट्टी, पानी और पर्यावरण का भी ख्याल रख सकते हैं।
(1) फसल अवशेष का सही प्रबंधन
रबी फसल की कटाई के बाद खेत में जो नरवाई या अवशेष बचते हैं, उसे जलाना सही नहीं। ये न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी कम करता है। इसके बजाय, इन अवशेषों का सही इस्तेमाल करें।
- भूसा बनाएं: गेहूं जैसे फसलों की कटाई अगर कम्बाइन हार्वेस्टर से हुई है, तो बचे अवशेष को स्ट्रॉ रीपर मशीन से भूसा बनाएं। ये भूसा पशुओं के लिए चारा बनेगा या बाजार में बेचकर कमाई हो सकती है।
- मिट्टी में मिलाएं: अवशेष को खेत में मिलाने से मिट्टी का कार्बन लेवल बढ़ता है, जो मिट्टी को उपजाऊ बनाता है।
- सुपर सीडर का इस्तेमाल: अगर आप खरीफ में धान लगाने वाले हैं, तो सुपर सीडर मशीन से अवशेष प्रबंधन करें। ये मशीन अवशेष को काटकर मिट्टी में मिला देती है और बीज बोने में भी मदद करती है।
2. खेत का समतलीकरण और मेड़बंदी-
अगर आपके खेत का ढलान ज्यादा है या वो समतल नहीं है, तो रबी फसल की कटाई के बाद इसे समतल करने का सही समय है।
- समतलीकरण: खेत को समतल करने से पानी का बहाव एकसमान होता है और फसल को पूरा पानी मिलता है।
- मेड़बंदी: खेत के चारों ओर मेड़ बनाएं ताकि बारिश का पानी खेत में रुके। इससे मिट्टी और पानी दोनों का संरक्षण होता है।
3. गर्मी में गहरी जुताई –
अगर पिछले तीन साल में आपके खेत में गहरी जुताई नहीं हुई, तो गर्मी का मौसम इसके लिए सबसे अच्छा है।
- क्यों जरूरी है?: गहरी जुताई से मिट्टी की गहरी परतें पलटती हैं, जिससे खरपतवार, कीट और बीमारियां कम होती हैं।
- कैसे करें?: 55 हॉर्सपावर का ट्रैक्टर और रिवर्सिबल प्लाऊ इस्तेमाल करें। इसे हर तीन साल में एक बार जरूर करें।
- साधारण जुताई -जिन खेतों में पहले ही गहरी जुताई हो चुकी है, वहां रबी फसल के बाद हल्की जुताई करें। कल्टीवेटर या हैरो से जुताई करके खेत को तैयार रखें।
4. जल संरक्षण के उपाय –
पानी बचाना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। कुछ आसान तरीके:
- तालाब बनवाएं: खेत में छोटे तालाब बनवाकर बारिश के पानी को इकट्ठा करें। इससे भूजल स्तर भी बढ़ेगा और आप मछली पालन कर अतिरिक्त कमाई भी कर सकते हैं।
- छत के पानी का संग्रह: अगर आपके घर या खेत के पास कोई छत है तो रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाकर पानी को स्टोर करें। इस पानी को सिंचाई या पीने के काम में लाया जा सकता है।
- ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम: सब्जियों और फलों में ड्रिप इरिगेशन और अन्य फसलों में स्प्रिंकलर का इस्तेमाल करें। इससे पानी की बचत होगी और उपज भी अच्छी मिलेगी।
5. मृदा स्वास्थ्य सुधार –
- सौर ऊर्जा से मिट्टी की सफाई (सोलराइजेशन): प्लास्टिक शीट से खेत को ढककर धूप में रखें। इससे मिट्टी में मौजूद कीटाणु, खरपतवार के बीज और रोग नष्ट हो जाएंगे।
- ट्राइकोडर्मा का इस्तेमाल: यह एक जैविक फफूंदनाशक है जो फसलों को रोगों से बचाता है और मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाता है। इसे बीजोपचार, पौधों पर छिड़काव या मिट्टी में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
6. उन्नत किस्मों का चयन
अच्छी पैदावार के लिए सही बीज चुनना जरूरी है। उन्नत और नई किस्में ज्यादा उत्पादन देती हैं और कीट-रोगों से लड़ने में सक्षम होती हैं।जैसे –
- सोयाबीन: राज सोया 24, जेएस 20116, एनआरसी-142
- मूंग: टीएजी 37, जीजी 20
- उड़द: पीडीयू-1, पंत उड़द-31
- धान: सीआर धान-310, डीआरआर धान-53
खरीफ से पहले तैयारी क्यों जरूरी?
खेत की सही तैयारी से न सिर्फ पैदावार बढ़ती है, बल्कि मिट्टी और पानी जैसे संसाधन भी बचते हैं। आजकल मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है, पानी का स्तर गिर रहा है, और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में हमें स्मार्ट खेती की जरूरत है-क्यों जरूरी?

- मिट्टी और पानी का संरक्षण होगा।
- फसलों की पैदावार बढ़ेगी।
- किसानों की आमदनी में इजाफा होगा।
- पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा।
खेती न सिर्फ हमारा पेशा है, बल्कि ये हमारी जिम्मेदारी भी है। सही तकनीक और मेहनत से हम न सिर्फ अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए मिट्टी और पानी जैसे संसाधन भी बचा सकते हैं।
FAQs –
- फसल अवशेषों को जलाने की बजाय क्या करें?
→ उन्हें भूसा बनाकर पशुओं को खिलाएं या खाद के रूप में खेत में मिला दें। - गहरी जुताई कितने साल में एक बार करनी चाहिए?
→ हर 3 साल में एक बार गर्मियों में गहरी जुताई जरूर करें। - पानी बचाने के लिए क्या करें?
→ तालाब बनवाएं, ड्रिप इरिगेशन लगाएं और छत के पानी को स्टोर करें। - ट्राइकोडर्मा क्या है?
→ यह एक जैविक फफूंदनाशक है जो फसलों को रोगों से बचाता है। - खरीफ में कौन-सी सोयाबीन की किस्म अच्छी है?
→ जेएस 2034 और राज सोया 24 अच्छी किस्में हैं।
डिस्क्लेमर :- यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तकनीक को अपनाने से पहले अपने क्षेत्र के कृषि विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। लेखक या प्रकाशक किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।