May Me Konsi Sabji Lagaye : नमस्कार किसान भाइयों। आज के इस लेख के माध्यम से हम जानने वाले हैं कि अगर आप 15 मई के बाद इन चुनिंदा हरी सब्जी को उगाते हैं तो ये वो सब्जियां हैं जो कम बजट में अच्छी कमाई कराती हैं। क्योंकि इसमें कम से कम लागत लगती है और आप इन सब्जियों से ज्यादा कमाई कर सकते हैं।

Konsi Sabji Lagaye:-
आपको 15 मई के बाद कौन सी चुनिंदा सब्जियां लगानी चाहिए ताकि आप कम से कम समय में अच्छा पैसा कमा सकें और जो भी सब्जियां आप इस समय लगाते हैं तो आने वाले समय में उनके रेट और बाजार भाव आसमान छूते हैं। तो वो कौन सी सब्जियां हैं जिन्हें आप 15 मई के बाद आजमा सकते हैं। चलिए शुरू करते हैं।
(1) फूलगोभी की उन्नत खेती:-
सब्जी के लिए हमने सबसे पहला स्थान फूलगोभी की उन्नत खेती को रखा है। जी हां दोस्तों, अगर आप 15 मई के बाद नर्सरी तैयार करते हैं और जल्द से जल्द पौधरोपण करते हैं। खासकर अगर मई-जून के महीने में खेती कर रहे हैं। आप सिंजेन्टा कंपनी की सीएफएल 1522 किस्म की फूलगोभी लगा सकते हैं। वैसे इसके 10 ग्राम बीज की कीमत करीब ₹700 है। आप नोबल कंपनी की हैप्पी किस्म लगा सकते हैं, जिसे “एनबीएच- हैप्पी” के नाम से भी जाना जाता है।

अगर आप मई-जून के महीने में इसकी नर्सरी तैयार करते हैं और जल्द से जल्द फूलगोभी लगाते हैं तो आने वाले समय में जुलाई-अगस्त के महीने में आपको इसके अच्छे रेट मिल सकते हैं। आप इस समय मल्चिंग पेपर लगा सकते हैं या फिर अगर आपका बजट अच्छा है तो आप मल्चिंग पेपर पर फूलगोभी की खेती कर सकते हैं या फिर आप पत्तागोभी भी लगा सकते हैं। आने वाले समय में रेट बहुत अच्छे मिलने वाले हैं।
इसके लिए आप लाइनों के बीच की दूरी 4.5 फीट रख सकते हैं। आप डबल लाइन पर फूलगोभी को 1 फीट और पौधों के बीच 1 फ़ीट की दूरी पर लगा सकते हैं। तो फूलगोभी एक ऐसी फसल है कि अगर आप सही तरीके से स्प्रे शेड्यूल चलाते हैं और फंगस और कैटरपिलर के लिए अच्छे तरीके से नियंत्रण करते हैं तो आप इस समय इस फसल और सब्जी से काफी कमाई कर सकते हैं।
(2) करेले की खेती:-
नंबर दो जिस Sabji को हमने दूसरे स्थान पर रखा है वह करेले की खेती है। जी हां किसान भाइयों करेले की खेती बहुत अच्छा मुनाफा देगी. यह एक बेल वाली फसल है और अगर आप 15 मई के बाद बेल वाली फसल लगा रहे हैं तो मंडप विधि से करेले की खेती कर सकते हैं. करेले के दाम आपको हमेशा बहुत अच्छे मिलने वाले हैं. अगर उन्नत और अच्छी किस्मों की बात करें तो

आप ईस्ट वेस्ट की प्रगति किस्म लगा सकते हैं, जो उच्च गुणवत्ता वाला F1 हाइब्रिड करेला बीज है जो उच्च उपज, रोग प्रतिरोधक क्षमता और लंबे समय तक परिवहन के लिए जाना जाता है।
इसके अलावा VNR की आकाश किस्म और US एग्रीसीड्स की SW 810 और 824 दोनों ही किस्में काफी शानदार किस्में हैं। तो इस समय अगर आप करेले की यह किस्म लगाते हैं तो ₹40 से 50 प्रति किलो का रेट मिलना बहुत आम बात है। तो इस समय अगर आप मंडप विधि से करेला लगाते हैं तो आपको बढ़िया रेट और कमाई मिल पाएगी। तो आपको करेला जरूर लगाना चाहिए।
आपको बस सफेद मक्खी और थ्रिप्स को नियंत्रित करने के लिए स्प्रे शेड्यूल चलाना होगा। अगर आप मई के महीने में करेले की फसल लगा रहे हैं तो कीट और रोग नियंत्रण के लिए स्प्रे शेड्यूल चलाना जरूरी है। इसके लिए जल निकासी की उचित व्यवस्था होना जरूरी है और साथ ही सिंचाई के साधन भी अच्छे होने चाहिए।
वैसे तो मई-जून की शुरुआत में सिंचाई की ज़्यादा ज़रूरत पड़ने वाली है, लेकिन मई-जून में हवाएँ चलने लगती हैं, इसलिए आपको मंडप भी मज़बूत रखनी होगी।
(3) भिंडी की उन्नत खेती:-
नंबर तीन है भिंडी की उन्नत खेती। वैसे सामान्यतः भिंडी की रोपाई आपको 15 मई के बाद करनी चाहिए। दोस्तों अगर आप भिंडी से अच्छी आमदनी कमाना चाहते हैं तो सभी किसान भाई आमतौर पर जून और जुलाई के महीने में भिंडी की रोपाई करते हैं। वैसे 15 मई के बाद या खेत खाली है तो जल्दी से खेत तैयार कर लें और उसमें दो से तीन ट्रॉली गोबर की खाद, 50 किलो एसएसपी और सिर्फ 20 किलो डीएपी खाद भिंडी की फसल में बुवाई के समय इस्तेमाल करें।

अब हम उन्नत किस्मों की बात करें तो भिंडी की राधिका किस्म भी बहुत ही लाजवाब किस्म है। आप एडवांटा की राधिका किस्म लगा सकते हैं। एडवांटा राधिका एक संकर भिंडी का बीज है, जो अच्छी उपज और गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। इस किस्म में YVMV और ELCV जैसी बीमारियों के प्रति सहनशीलता है और यह जल्दी पकने वाली किस्म है, जो कि फसल 40-45 दिनों में तैयार हो जाती है।
इसकी लाइन से लाइन की दूरी 4 फीट के आसपास रख सकते है, करीब 3.5 से 4 फीट और पौधे से पौधे की दूरी 1 फीट रखनी चाहिए। वैसे भिंडी पर औसत लागत आती है लेकिन अच्छी आमदनी हो जाती है।
(4) गिलकी की खेती :-
अगली सब्जी है वह है बेलवर्गीय फसलों में से एक है गिलकी की उन्नत खेती। कहीं पर स्पंज गोट की ज्यादा डिमांड रहती है तो कहीं रिजगोट की वैसे गिलकी या रिजगोट की मांग सामान्यतः गर्मी के समय ज्यादा होती है।
तो आप गिलकी की मांग के अनुसार मंडप विधि से उगा सकते हैं, चाहे गिलकी हो या रिजगोट, अगर आप मई के बाद दोनों फसलें लगाते हैं तो आपको बहुत अच्छा रेट मिलेगा, इसलिए हमारे किसान भाई भी 15 मई के बाद जल्द से जल्द गिलकी उगा सकते हैं, आप अपने इलाके में नई किस्मों का चुनाव कर सकते हैं।

जब भी आप गिलकी की खेती कर रहे हों तो आपको ध्यान रखना होगा कि लाइनों के बीच की दूरी 7 फीट रखनी चाहिए। जबकि एक मंडप से दूसरे मंडप के बीच की दूरी करीब 3.5 से 4 फीट रख सकते है। पौधों के बीच की दूरी 1½ से 2 फीट और अधिकतम 2.5 फीट रख सकते हैं। अगर आप लंबे समय तक बहुत अच्छी आय अर्जित करना चाहते हैं, तो गिलकी यानि स्पंज गॉड उन सब्जियों में से एक है जो आपको लंबे समय तक आय प्रदान करती है।
(5) लौकी की खेती :-
अगली सब्जी है लौकी की फसल। जी हाँ दोस्तों जहाँ गर्मियों में लौकी के रेट लगातार गिर रहे थे, वहीं अगर आप मई के महीने में मंडप विधि से लौकी लगाते हैं तो आपको बहुत अच्छी आमदनी मिल सकती है। यह फसल भी आसानी से तैयार हो जाती है। तो इस समय आपको मंडप की संरचना मजबूत करनी होगी क्योंकि यह एक भारी फसल है। साथ में संभावित आंधी तूफ़ान से भी बचाना होगा। तो यदि आप लौकी की खेती कर रहे हैं, तो आपको इसके लिए निम्न उन्नत किस्मों की चयन कर सकते है –

लौकी की हारुना और सरिता प्रजातियाँ, जिन्हें वीएनआर सीड्स द्वारा विकसित किया गया है। हरुना फल लंबा और चिकना होता है, जिसका औसत आकार 25 से 30 सेमी होता है, और इसका वजन 6.5 से 7.5 किलोग्राम होता है। सरिता फल हरे रंग का और लंबा होता है और इसकी उपज क्षमता अधिक होती है। इन किस्मों को आप 15 मई के बाद जरूर लगाएँ।
(6) बरबट्टी की उन्नत खेती :-
अगली सब्जी की खेती में है बरबटी की उन्नत खेती। जी हाँ दोस्तों बरबट्टी भी बहुत अच्छा मुनाफ़ा देती है, क्योंकि यह एक ऐसी फसल है, जो कम बजट की फसल है और बारिश के मौसम में इसकी बहुत माँग होती है और कभी-कभी इसके रेट भी बहुत अच्छे होते हैं। तो आप कम बजट और कम खर्च पर बरबट्टी की खेती में चांस ले सकते हैं।

यदि बरबट्टी की उन्नत किस्में लगाते हैं और अच्छा स्प्रे शेड्यूल चलाते हैं, तो इसकी पैदावार काफी कमाल की होती है। तो इन किस्मों को चयन कर लगा सकते हैं जिसमें से
VNR की काशी कंचन किस्म है । जो एक प्रकार की चवली (cowpea) के बीज हैं। यह किस्म अधिक उपज देने वाली है और रोग प्रतिरोधी भी है।
UNISEM द्वारा विकसित बरबट्टी की किरण किस्म, एक उन्नत किस्म है, जो अच्छी पैदावार और फलों की अच्छी गुणवत्ता के लिए जानी जाती है।
सिंजेंटा की YB-7, जो सिंजेंटा कंपनी द्वारा विकसित लंबी बरबट्टी की एक किस्म है.
अंकुर की केशरी, जो एक लोकप्रिय बरबट्टी की किस्म है, यह किस्म अधिक उपज और बेहतर गुणवत्ता के लिए जानी जाती है.
अब बरबट्टी में कीड़ा -बीमारी की बात करें, तो खास तौर पर फली छेदक (कैटरपिलर) बहुत परेशानी करते हैं। इसके लिए निचे दिए गए कीटनाशकों में से किसी एक का बारी-बारी से छिड़काव कर सकते हैं,
नोवलुरॉन 5.25% + इंडोक्साकार्ब 4.5% एससी (प्लेथोरा कीटनाशक)
नोवेल्यूरॉन 5.25% + इंडोक्साकार्ब 4.5% एससीए (प्लेथोरा आर्किटेक्ट)
इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी (प्रोक्लेम कीटनाशक) 100 मिली / एकड़
ब्रोफ्लानिलाइड (एक्सपोनस कीटनाशक) 34 मिली/एकड़
तो जो फलीछेदक हमला करता है, उस पर काफी हद तक नियंत्रण हो जाएगा। यदि आप 15 मई के बाद बरबट्टी की खेती की करते है , तो कम से कम 25 से 30 रुपये तक का रेट आसानी से मिल सकता है।