Mirch Fasal ke sath intercropping se lakhon kamayen.

किसान भाई Mirch Fasal ke Sath Intercropping में हम अन्य फसलों को लेकर आमदनी को डेढ़ से दो गुना तक बढ़ा सकते हैं। यानी कि अगर हमारी मिर्च की फसल से एक एकड़ में आमदनी ₹1.44 लाख होती है तो हम इसे 2.5 लाख से 3.5 लाख तक कर सकते हैं।

अब सवाल आता है कि हम Mirch Fasal में किन किन फसलों की इंटरक्रॉपिंग कर सकते हैं।सबसे पहले हम जानकारी देना चाहते हैं कि मिर्च की खेती हम किन किन मिट्टी में कर सकते हैं और मिर्च की खेती (Mirch Ki Kheti) का सही समय क्या है। तो मिर्च की खेती लाल, काली, बलुई, दोमट, दोमट हर तरह की मिट्टी में कर सकते हैं। आपकी मिट्टी का पीएच मान 6 से 6.7 के बीच में होना चाहिए।

Mirch Fasal ke sath intercropping :-

मिर्च की फसल के साथ में हम किन फसलों की इंटरक्रॉपिंग कर सकते हैं, अब इन फसलों की किस तरह से इंटरक्रॉपिंग करें। आईये जानते है।

Mirch Fasal ke sath intercropping (1)
Mirch Fasal ke sath intercropping (1)

(1) गेंदे की इंटरक्रॉपिंग :-

Mirch Fasal के साथ में जब हम गेंदे की इंटरक्रॉपिंग करते हैं तो गेंदे के पौधे के कारण मिर्च की फसल पर पॉलिनेशन तो अच्छा होता ही है। इसके साथ ही हमारी मिर्च की फील्ड पर वे सारे कीट भी आकर्षित होते हैं, जो कि मिर्च की फसल के लिए उपयोगी होते हैं।

ये मिर्च की फसल को जो कीट हानिकारक पहुंचाते हैं उन्हें खाने का काम करते हैं जैसे कि थ्रिप्स और एफिड्स। थ्रिप्स और एफिड मिर्च की पत्ती के नीचे छुपे होते जिससे जब मिर्च की फसल पर स्प्रे करते तो भी ये कीट मरते नहीं। इसलिए जब हम मिर्च की फसल के साथ में गेंदे की इंटरक्रॉपिंग करते हैं तो एफिड्स और थ्रिप्स को खाने वाले कीट हमारी मिर्च की फील्ड पर आ जाते हैं। इस कारण हमारी मिर्च की फसल एफिड और थ्रिप्स के अटैक से बचती है।

इसके साथ ही गेंदे का पौधा मिर्च की फसल में लगने वाले रुट कैट की समस्या को भी दूर करता है। रूट नोट नीम कोटेड गेंदे के पौधे के प्रति आकर्षित होते हैं और गेंदे का पौधा एक ऐसा पदार्थ छोड़ता है जो कि इनके लिए जहर का काम करता है। इस कारण यह रूट कैट गेंदे की जड़ों में फंसकर मर जाए।

क्योकि रूट नॉट न्यूट्रिएंट्स मिर्च के पौधे को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं, जिसका सीधा असर हमारे उत्पादन पर पड़ता है। इसलिए जिस खेत में रूट निमोनिया की समस्या हो, तो बचने के लिए आप मिर्च की फसल के साथ में गेंदे की इंटरक्रॉपिंग कर सकते हैं।

(2) मटर की इंटरक्रॉपिंग :-

मिर्च की फसल के साथ इंटरक्रॉपिंग की हमारी दूसरी फसलें मटर है । मटर का पौधा वातावरण से नाइट्रोजन गैस को अवशोषित करके मिट्टी में नाइट्रोजन की उपलब्धता को बढ़ाता है।

इसलिए जब हम मिर्च की फसल के साथ में मटर की इंटरक्रॉपिंग करते हैं तो हमारी मिर्च के पौधे जमीन से नाइट्रोजन की उपलब्धता मिलती रहती है। इसलिए मटर की फसल भी मिर्च की खेती के साथ में इंटरक्रॉपिंग का एक अच्छा चुनाव हो सकता है।

(3) आलू फसल की इंटरक्रॉपिंग :-

Mirch ki kheti के साथ में इंटरक्रॉपिंग की हमारी तीसरी फसल आलू हो सकती है ,क्योकि यह दोनों ही छाया में अच्छे से ग्रो करती है। इसके अतिरिक्त आप मिर्च की फसल के साथ में पालक को भी इंटरक्रॉपिंग कर सकते हैं। जब हम मिर्च की फसल के साथ में पालक की फसल के इंटरक्रॉपिंग करते हैं तो हमें निंदाई गुड़ाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और इस तरह हमारा निंदाई गुड़ाई का खर्च भी बचेगा।

पालक की फसल से जो आमदनी होगी वह जब मिर्च की फसल (Chilli Cultivation) के साथ में पालक की इंटरक्रॉपिंग। इस इंटरक्रॉपिंग पालक की मल्टीपल हार्वेस्टिंग लेने के बजाय एक ही हार्वेस्टिंग लें और पालक को जड़ से उखाड़ें । इस तरह आपकी निंदाई गुड़ाई दोनों हो जाएगी।

Mirch Fasal ke sath lahshun ki intercroping :-

मिर्च की फसल के साथ में इंटरक्रॉपिंग की हमारी चौथी फसल है लहसुन। बांग्लादेश एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टिट्यूट ने मिर्च की फसल के साथ लहसुन की इंटरक्रॉपिंग पर एक रिसर्च की थी। उन्होंने तीन कंडीशन पर रिसर्च करी थी।पहली कंडीशन एक हेक्टेयर में इन्होंने केवल मिर्च की फसल लगाई।

दूसरी कंडीशन में एक हेक्टेयर में मिर्च की फसल के साथ में मिर्च की दो लाइन के बीच में एक लाइन लहसुन की लगाई और तीसरी कंडीशन एक हेक्टेयर में मिर्च की फसल की दो लाइनों के बीच में दो लाइन लहसुन की फसल लगाया, जिससे इस दो साल चली रिसर्च का निष्कर्ष यह निकला कि जब उन्होंने एक हेक्टेयर में केवल मिर्च की फसल लगाई थी तो उसका उत्पादन 15 टन मिला था।

Mirch Fasal ke sath intercropping (1)
Mirch Fasal ke sath intercropping (1)


दूसरी कंडीशन जिसमें हमने एक हेक्टेयर में मिर्च की दो लाइन के बीच में एक लाइन लहसुन की लगाई थी, उसमें हमें मिर्च की फसल से उत्पादन मिला 14 टन और लहसुन की फसल से हमारा उत्पादन हुआ था।
तीसरी कंडीशन जिसमें हमने मिर्च की दो लाइन के बीच में दो लाइन लहसुन की लगाई थी। इसमें हमें मिर्च की फसल से उत्पादन 13 टन मिला और लहसुन की फसल उत्पादन चार मिला।


दो साल तक चली इस रिसर्च का निष्कर्ष यह निकला कि अगर आप मिर्च की फसल के साथ में लहसुन की इंटरक्रॉपिंग करते हैं तो आपकी मिर्च की खेती (Mirch ki kheti) से मिलने वाले उत्पादन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि आपको लहसुन की फसल से एक्स्ट्रा उत्पादन और एक्स्ट्रा आमदनी भी होगी।


बस आपको एक बात का ध्यान रखना है कि मिर्च की दो लाइन के बीच आपको एक लाइन लहसुन की लेना है। यानी कि आप मिर्च की फसल के साथ में लहसुन की इंटरक्रॉपिंग कर सकते। इससे आपकी आमदनी डेढ़ से दो गुना तक बढ़ेगी।
इसको हम कुछ इस तरह से समझते हैं।

अगर हम मिर्च को ₹25 रुपये प्रति किलो भाव लेते हैं व लहसुन का ₹5,000 क्विंटल लेते है , तो पहली कंडीशन में हम एक हेक्टेयर से मिर्च की खेती से आमदनी ₹3,75,000 रुपये होगी।


दूसरी कंडीशन मिर्च की दो कतार के बीच में एक कतार लहसुन की लेते हैं तो हमारी मिर्च से आमदनी ₹3,50,000 होगी व लहसुन से आमदनी 3 लाख होगी ।इस तरह इन दोनों फसलों से आमदनी ₹6,50,000 रुपये होगी। आप इन दोनों कंडीशन की तुलना कर सकते।

इसके साथ ही जब हम Mirch Fasal के साथ में लहसुन की इंटरक्रॉपिंग करते हैं तो लहसुन की फसल के कारण हमारी मिर्च की फसल लाल मकडी के अटैक से भी सुरक्षित रहती है।


लाल मकड़ी पत्तों से रस चूसने का काम करती है और हमारे मिर्च के पौधे को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। इसलिए जब हम लहसुन की इंटरक्रॉपिंग करते तो लहसुन की महक के कारण लाल मकड़ी हमारी मिर्च की फील्ड से दूर रहती है और हमारी मिर्च की फसल लाल मकड़ी के अटैक से सुरक्षित रहती है।


इस तरह से जब आप Mirch fasal के साथ में लहसुन की इंटरक्रॉपिंग करते तो ना सिर्फ आपको लहसुन की फसल से एक्स्ट्रा उत्पादन और एक्स्ट्रा आमदनी होती है बल्कि आपकी मिर्च की फसल के लिए लहसुन की फसल एक सुरक्षा कवच का भी काम करती है।


आप लहसुन की जगह प्याज की फसल की इंटर को मिर्च की फसल के साथ में कर सकते। सिर्फ आपको एक बात का ध्यान देना है कि प्याज के दो कतारों के बीच की दूरी आप 20 इंच रखें और पौधे से पौधे की दूरी भी 20 इंच रखें।

निष्कर्ष :-

इस तरह आप मिर्च की खेती (Mirch ki kheti) के साथ अन्य फसल का इंटरक्रॉपिंग करते है ,तो न सिर्फ आपको मिर्च की फसल में ही आमदनी मिलेगा। बल्कि इंटरक्रॉपिंग से अतिरिक्त आय होगी।जिससे आपको दोगुना आमदनी होगी।

इसलिए इंटरक्रॉपिंग आपके लिए एक फायदेमंद उद्यम हो सकता है, जिससे आप पर्याप्त आय अर्जित कर कर सकते है। विभिन्न फसलों को मिलाकर, आप न केवल अपनी कृषि पद्धतियों में विविधता लाते हैं बल्कि इंटरक्रॉपिंग फसल की संभावना भी बढ़ाते हैं। तो, मिर्च की खेती(Mirch ki Kheti) के माध्यम से लाखों कमाने के अवसर सुनहरा अवसर है।

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