NFSM अंतर्गत दिनाँक 18 जून 2025 को ग्राम पुलालीकला वि.ख.-पाली में कृषक प्रशिक्षण का आयोजन |

NFSM scheme training organized in Pulalikala: 18 जून 2025 को छत्तीसगढ़ के ग्राम पुलालीकला में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन (NFSM) के तहत एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। यह बेस्ड क्रॉपिंग सिस्टम प्रशिक्षण कार्यक्रम अनाज के साथ दलहन प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए पर केंद्रित था। सरपंच श्रीमती रसकुंवर कवर की अध्यक्षता में हुए इस आयोजन में जिला पंचायत सदस्य श्री धर्मेंद्र राज मुख्य अतिथि थे।

NFSM scheme training organized in Pulalikala Block-Pali
NFSM scheme training organized in Pulalikala Block-Pali

पुलालीकला और नवापारा के 60 किसानों ने हिस्सा लिया। विशेषज्ञों ने आधुनिक खेती, बीज उपचार, और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। यह ब्लॉग उस कार्यक्रम को साधारण भाषा में समझाता है।

NFSM प्रशिक्षण कार्यक्रम का मकसद-

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन ( NFSM) का लक्ष्य खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करना है। दलहन और चावल जैसी फसलों को बढ़ावा देना इसका हिस्सा है। यह प्रशिक्षण राइस ग्राम प्रदर्शन और बेस्ड क्रॉपिंग सिस्टम पर केंद्रित था, जिसमें एक ही खेत में कई फसलें उगाकर मिट्टी की उर्वरता और किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया गया। किसानों को बीज उपचार और लाइन सोइंग जैसी तकनीकों की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती रसकुंवर कवर के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने किसानों को नई तकनीक अपनाने की सलाह दी। मुख्य अतिथि श्री धर्मेंद्र राज ने सरकारी योजनाओं के लाभ बताए और वैज्ञानिक खेती पर जोर दिया।

NFSM राइस ग्राम प्रदर्शन का महत्व –

श्री एम.एस. गोंड ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ने राइस ग्राम प्रदर्शन का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि सही तकनीकों से चावल का उत्पादन 20-30% बढ़ सकता है। बीज उपचार से कीटों और बीमारियों से बचाव होता है, जिससे अंकुरण बेहतर होता है। लाइन सोइंग की तकनीक से पंक्तियों में बीज बोने से हवा-धूप अच्छे से मिलती है, खरपतवार नियंत्रण आसान होता है, और लागत कम होती है।

श्री गोंड ने लाइन सोइंग की तकनीक पर भी जोर दिया। यह एक ऐसी विधि है, जिसमें बीजों को एक निश्चित दूरी और पंक्तियों में बोया जाता है। इससे खेत में हवा और धूप अच्छे से पहुँचती है, जिससे पौधों की ग्रोथ बेहतर होती है। साथ ही, खरपतवार नियंत्रण और सिंचाई में भी आसानी होती है। उन्होंने किसानों को प्रैक्टिकल उदाहरण देकर समझाया कि कैसे लाइन सोइंग से उनकी मेहनत और लागत कम हो सकती है।

पीएम किसान योजना (pm kisan)और एग्री स्टैक की जानकारी

श्री अजय सिंह ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ने पीएम किसान योजना और एग्री स्टैक(Agri Stack) farmer registration की जानकारी दी। पीएम किसान योजना छोटे किसानों को सालाना 6,000 रुपये देती है। इसके लिए आधार, बैंक खाता, और खेत के कागजात अपडेट रखने जरूरी हैं। एग्री स्टैक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो मिट्टी, मौसम, और बाजार की जानकारी देता है। श्री सिंह ने किसानों को इसमें पंजीयन कर लाभ लेने की सलाह दी गयी ।

बीज उत्पादन और उन्नत तकनीकों की जानकारी –

श्री जी.पी. डिक्सेना वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ने बीज उत्पादन और उन्नत तकनीकों पर बात की। उन्होंने बताया कि अच्छे बीज खेती की सफलता की कुंजी हैं। बीज उत्पादन कार्यक्रम से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलते हैं। उन्होंने जैविक खेती जैसी तकनीकों की भी जानकारी दी, जो मिट्टी को स्वस्थ रखती हैं और पानी की बचत करती हैं।

राइस ग्राम प्रदर्शन हेतु प्रमाणित धान और अरहर बीज वितरण –

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में NFSM योजना अंतर्गत राइस ग्राम प्रदर्शन हेतु चयनित कृषकों को मुख्य अतिथियों के हाथों से प्रमाणित धान बीज MTU 1156 और मेड़ों में अरहर प्रदर्शन हेतु सीजी अरहर 1 का प्रमाणित बीज वितरण किया। पुलालीकला और नवापारा के 60 किसानों ने हिस्सा लिया।

NFSM scheme training organized in Pulalikala Block-Pali
NFSM scheme training organized in Pulalikala Block-Pali

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में क्षेत्रीय अधिकारी श्री ए.एल. मरकाम और कृषक मित्र भी मौजूद थे। किसानों ने अपने अनुभव साझा किए और लाइन सोइंग, बीज उपचार जैसी तकनीकों को अपनाने की इच्छा जताई। कुछ ने पीएम किसान योजना में अपडेट करने हेतु दस्तावेज भी जमा किये।

यह प्रशिक्षण किसानों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहा। इससे वे नई तकनीकों और योजनाओं से जुड़े। यह आयोजन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और खाद्य सुरक्षा के लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। भविष्य में ऐसे कार्यक्रम किसानों को और समृद्ध बनाएंगे।

प्रातिक्रिया दे