Top 5 New varieties of paddy in hindi : नमस्ते दोस्तों! खेती-किसानी में धान की फसल हमेशा से खास रही है। लेकिन आजकल पानी की कमी और बदलते मौसम ने किसानों की टेंशन बढ़ा दी है। बारिश कम हो रही है, सूखा पड़ रहा है, और खेती की लागत बढ़ती जा रही है। लेकिन चिंता मत करो! वैज्ञानिकों ने धान की नई किस्में (New varieties) विकसित की हैं, जो कम पानी में भी बंपर पैदावार देती हैं। ये किस्में न सिर्फ आपकी फसल को बचाएंगी, बल्कि मुनाफा भी दोगुना करेंगी। तो चलिए, इन धान की नई किस्मों जानते को हैं।
- धान की नई किस्में(New varieties of Paddy) क्यों हैं खास?
- 1. पूसा बासमती-834: बंपर उपज, झुलसा रोग से नो टेंशन
- 2. स्वर्ण पूर्वी धान-1: जल्दी पके, ज्यादा उत्पादन-
- 3. पूसा बासमती-1121: सूखे में भी शानदार
- 4. स्वर्ण शुष्क: कीटरोधी और कम पानी
- 5. पूसा बासमती-1509: पानी बचाए, मुनाफा बढ़ाए
- बाज़ार में धान की नई किस्मों की डिमांड
धान की नई किस्में(New varieties of Paddy) क्यों हैं खास?
पानी की कमी आज खेती की सबसे बड़ी चुनौती है। कई इलाकों में नहरें सूख रही हैं, और भूजल का स्तर भी नीचे जा रहा है। ऐसे में *new varieties of Paddy * किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। ये किस्में कम पानी में उगती हैं, जल्दी पकती हैं, और रोगों से लड़ने की ताकत रखती हैं। साथ ही, इनके दाने लंबे, पतले और सुगंधित होते हैं, जिससे बाज़ार में अच्छी कीमत मिलती है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और दूसरी संस्थाओं ने इन धान की नई किस्मों को खास तौर पर सूखा प्रभावित इलाकों के लिए बनाया है। ये न सिर्फ पैदावार बढ़ाती हैं, बल्कि खेती की लागत भी कम करती हैं। आइए, इन पांच खास किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. पूसा बासमती-834: बंपर उपज, झुलसा रोग से नो टेंशन
Pusa Basmati – 834 धान की नई किस्म है, जो कम पानी में भी शानदार पैदावार देती है। ये 125-130 दिन में पककर तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 60-70 क्विंटल तक उपज देती है। यानी, एक एकड़ में करीब 24-28 क्विंटल धान मिल सकता है।

इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत है कि ये झुलसा रोग (ब्लास्ट डिज़ीज़) से लड़ने में माहिर है। झुलसा रोग धान की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाता है, लेकिन पूसा बासमती-834 इसकी चपेट में कम आती है। साथ ही, इसके दाने लंबे और सुगंधित होते हैं, जिससे बाज़ार में अच्छी डिमांड रहती है। अगर आप बासमती की खेती करना चाहते हैं, तो ये किस्म आपके लिए बेस्ट है।
2. स्वर्ण पूर्वी धान-1: जल्दी पके, ज्यादा उत्पादन-
ICAR पटना ने स्वर्ण पूर्वी धान-1 को खास तौर पर पूर्वी भारत के किसानों के लिए बनाया है। ये धान की नई किस्म सिर्फ 115-120 दिन में पक जाती है, यानी दूसरी किस्मों से 10-15 दिन पहले। ये प्रति हेक्टेयर 45-50 क्विंटल उपज देती है, जो एक एकड़ में करीब 18-20 क्विंटल होता है।
इस किस्म को कम पानी की ज़रूरत होती है, और ये सूखे की स्थिति में भी अच्छा परफॉर्म करती है। खासकर बिहार, झारखंड और पूर्वी यूपी के किसानों के लिए ये बहुत फायदेमंद है। इसके दाने मध्यम आकार के होते हैं और बाज़ार में अच्छी कीमत मिलती है।
3. पूसा बासमती-1121: सूखे में भी शानदार
पूसा बासमती-1121 एक ऐसी धान की नई किस्म है, जो सूखे जैसे मुश्किल हालात में भी उगाई जा सकती है। ये 140-145 दिन में पककर तैयार होती है और प्रति हेक्टेयर 40-45 क्विंटल उपज देती है। यानी, एक एकड़ में 16-18 क्विंटल धान मिल सकता है।
इसके दाने लंबे, पतले और सुगंधित होते हैं, जो बासमती की पहचान हैं। ये किस्म पानी की कमी वाले इलाकों, जैसे हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी यूपी, के लिए बहुत अच्छी है। साथ ही, ये झुलसा रोग और कीटों से भी कम प्रभावित होती है, जिससे कीटनाशकों का खर्च बचता है।
4. स्वर्ण शुष्क: कीटरोधी और कम पानी
स्वर्ण शुष्क एक और शानदार धान की नई किस्म है, जो 110-115 दिन में पककर तैयार हो जाती है। ये प्रति हेक्टेयर 40-45 क्विंटल उपज देती है, यानी एक एकड़ में 16-18 क्विंटल। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि ये बहुत कम पानी में उगती है और कीटों से लड़ने में माहिर है।
ये किस्म खास तौर पर उन इलाकों के लिए बनाई गई है, जहां पानी की भारी कमी है। इसके दाने मध्यम आकार के होते हैं और बाज़ार में अच्छी डिमांड रखते हैं। अगर आप कम लागत में ज़्यादा मुनाफा चाहते हैं, तो स्वर्ण शुष्क आपके लिए सही चॉइस है।
5. पूसा बासमती-1509: पानी बचाए, मुनाफा बढ़ाए
पूसा बासमती-1509 धान की नई किस्म है, जो सिर्फ 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है। ये प्रति हेक्टेयर 25 क्विंटल उपज देती है, जो एक एकड़ में करीब 10 क्विंटल होता है। भले ही इसकी उपज दूसरी किस्मों से कम हो, लेकिन ये 33% पानी की बचत करती है। यानी, दूसरी बासमती किस्मों की तुलना में इसे एक तिहाई कम पानी चाहिए।
इसके दाने लंबे, सुगंधित और चमकदार होते हैं, जिससे बाज़ार में इसकी कीमत ज़्यादा मिलती है। ये किस्म हरियाणा, पंजाब और यूपी के किसानों के बीच बहुत पॉपुलर है। साथ ही, ये झुलसा रोग से भी कम प्रभावित होती है।
बाज़ार में धान की नई किस्मों की डिमांड
इन धान की नई किस्मों की सबसे बड़ी खासियत है उनके दानों की क्वालिटी। पूसा बासमती-834, 1121 और 1509 जैसे बासमती धान के दाने लंबे, पतले और सुगंधित होते हैं, जिनकी डिमांड भारत ही नहीं, विदेशों में भी है। सऊदी अरब, यूएई और यूरोप जैसे देशों में बासमती चावल की भारी मांग है, और इन किस्मों से किसानों को अच्छी कीमत मिलती है।
डिस्क्लेमर :- इस ब्लॉग पोस्ट में दी गई जानकारी कृषि विशेषज्ञों की सलाह, ICAR की रिपोर्ट्स और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। हर इलाके की मिट्टी, मौसम और संसाधन अलग हो सकते हैं, इसलिए धान की नई किस्में अपनाने से पहले स्थानीय कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें। हम किसी भी जानकारी की सटीकता की गारंटी नहीं लेते। इस पोस्ट का मकसद सिर्फ जानकारी देना है।
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